बरेली: बेटा चाहिए बीवी नहीं, सड़क पर दे दिया तलाक

बरेली, अमृत विचार। ‘फहीम ने मुझे तीन बार तलाक…तलाक…तलाक बोला। बाद में बोला- अब तेरा मेरा कोई रिश्ता नहीं। मैंने तुझे तलाक दे दिया।’ ठिरिया की फकरुन्निशां का शौहर (पति) फहीम पर यह आरोप है। वह कहती हैं कि फहीम बेटा चाहता है। बीवी नहीं। बेटा छीनने में असफल होने पर उसने मुझे तलाक दिया …

बरेली, अमृत विचार। ‘फहीम ने मुझे तीन बार तलाक…तलाक…तलाक बोला। बाद में बोला- अब तेरा मेरा कोई रिश्ता नहीं। मैंने तुझे तलाक दे दिया।’ ठिरिया की फकरुन्निशां का शौहर (पति) फहीम पर यह आरोप है। वह कहती हैं कि फहीम बेटा चाहता है। बीवी नहीं। बेटा छीनने में असफल होने पर उसने मुझे तलाक दिया है। गुरुवार को आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी की अध्यक्ष निदा खान के साथ पीड़िता बारादरी थाने पहुंचीं और मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण कानून के अंतर्गत कार्रवाई के लिए शिकायती पत्र दिया है।

फखरुन्निशां और फहीम की शादी 25 अक्टूबर 2014 को हुई थी। आरोप है कि इज्जतनगर थाना क्षेत्र के पीर बहोड़ा निवासी फहीम का परिवार दहेज से असंतुष्ट था। इसी कारण शादी के बाद प्रताड़ित किया जाने लगा। 31 जुलाई 2015 को बेटे अरशद का जन्म हुआ। इसके 25 दिन बाद फखरुन्निशां को घर से निकाल दिया गया। तब से दोनों का विवाद चल रहा है, न्यायालय तक जा पहुंचा।

फखरुन्निशां का आरोप है कि दो जून को वह आला हजरत अस्पताल में बेटे अरशद को दिखाने गईं थीं। फहीम भी वहां पहुंचा। करीब 11 बजे का समय रहा होगा। उसने बेटे को छीनने का प्रयास किया। मेरी मां साथ थीं। विरोध पर उस समय वह चला गया। अस्पताल से बाहर निकलने पर उसने रास्ते में तलाक दे दिया। निदा खान बताती हैं कि पीड़िता ने कई बार ससुराल वापस जाने का प्रयास किया। उन्हें घर से भगा दिया गया। दहेज के लालच में कोई व्यक्ति इस कदर अंधा हो सकता है कि अपने बीवी-बच्चों को ही घर में रखने को तैयार नहीं है। बल्कि उनसे बीच सड़क पर रिश्ता खत्म कर देता है।

कानूनी रूप से तलाक अवैध
मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण कानून-2019 के अंतर्गत एक बार में तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में रखा जा चुका है। दूसरा-इस तरह का तलाक भी अवैध है। इसके अंतर्गत महिला शौहर के विरुद्ध वाद दर्ज करा सकती हैं। उनकी की सहमति और असहमति पर भी पति को कानूनी कार्रवाई से राहत मिलने का प्रावधान है।