बंद हुआ यूरोप का सबसे बड़ा Zaporizhzhia Nuclear Plant का आखिरी रिएक्टर, जानिए वजह
कीव। यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र को यूक्रेन के बिजली ग्रिड से फिर से जोड़ा गया और इंजीनियरों ने इलाके में लड़ाई तेज होने पर परमाणु विकिरण की आपदा से बचने की कवायद के तौर पर इसके आखिरी रिएक्टर को भी बंद कर दिया। छह रिएक्टर वाले जापोरिज्जिया संयंत्र को इलाके में लड़ाई के …
कीव। यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र को यूक्रेन के बिजली ग्रिड से फिर से जोड़ा गया और इंजीनियरों ने इलाके में लड़ाई तेज होने पर परमाणु विकिरण की आपदा से बचने की कवायद के तौर पर इसके आखिरी रिएक्टर को भी बंद कर दिया। छह रिएक्टर वाले जापोरिज्जिया संयंत्र को इलाके में लड़ाई के परिणामस्वरूप उसकी सभी बिजली लाइन काटने के बाद पिछले सप्ताह ग्रिड से हटा दिया गया था।
यह संयंत्र कई दिनों से ‘‘आइलैंड मोड’’ पर काम कर रहा था और अपने एकमात्र चालू रिएक्टर से अहम कूलिंग उपकरणों के लिए बिजली पैदा कर रहा था। ‘आइलैंड मोड’ का मतलब ऐसे संयंत्र से होता है जो अन्य ऊर्जा संयंत्रों से नहीं जुड़ा होता। परमाणु ऑपरेटर कंपनी एनर्गोएटम ने कहा कि बिजली की इन लाइनों में से एक लाइन शनिवार देर रात बहाल की गयी, जिससे संयंत्र को सुरक्षित रूप से संचालित करना संभव हुआ। कंपनी ने कहा, ‘‘अत: बिजली यूनिट संख्या छह बंद करने का फैसला किया गया।’
इसने कहा कि यह खतरा अब भी बना हुआ है कि बाहर बिजली फिर से काटी जा सकती है और ऐसी स्थिति में संयंत्र को रिएक्टरों को ठंडा रखने तथा परमाणु रिएक्टर को अत्यधिक गर्म होने से बचाने के लिए आपात डीजल जेनरेटर चलाने होंगे। कंपनी के प्रमुख ने बृहस्पतिवार को बताया था कि संयंत्र के पास महज 10 दिनों के लिए डीजल बचा है।
एनर्गोएटम कंपनी ने कहा कि एक पावर लाइन शनिवार देर रात बहाल की गई, जिससे संयंत्र के संचालकों ने अंतिम रिएक्टर को भी बंद कर दिया। दुनिया में 10 सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा केंद्रों में से एक इस संयंत्र पर युद्ध की शुरुआत से ही रूसी सेना ने कब्जा कर रखा है। यूक्रेन और रूस संयंत्र के आसपास बमबारी के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे हैं। इस बमबारी ने संयंत्र को ग्रिड से जोड़ने वाली बिजली की लाइनों को तबाह कर दिया है।
एनर्गोएटम ने रविवार को एक बयान में रूसी सेना से जापोरिज्जिया संयंत्र छोड़ने तथा इसके आसपास ‘‘असैन्यीकृत क्षेत्र’’ बनाने देने का अनुरोध किया। संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने रविवार को इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। इस संयंत्र में उसके दो विशेषज्ञ हैं। एजेंसी के निदेशक ने किसी आपदा से बचने के लिए संयंत्र के आसपास सुरक्षित क्षेत्र बनाने का आह्वान किया है।
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