बहराइच: बिना मान्यता के चल रहा शहर का सबसे बड़ा मदरसा, सर्वे में हुआ खुलासा

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बहराइच। सरकार के निर्देश पर शहर में संचालित मदरसों का मंगलवार से सर्वे हुआ। शहर में संचालित सबसे पुराने और बड़े मदरसे की मान्यता नहीं है। मदरसा चंदे पर संचालित हो रहा है। इसमें नेपाल के छात्र भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सर्वे कार्य में मदरसा संचालकों ने पूरा सहयोग किया। सरकार ने पूरे …

बहराइच। सरकार के निर्देश पर शहर में संचालित मदरसों का मंगलवार से सर्वे हुआ। शहर में संचालित सबसे पुराने और बड़े मदरसे की मान्यता नहीं है। मदरसा चंदे पर संचालित हो रहा है। इसमें नेपाल के छात्र भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। सर्वे कार्य में मदरसा संचालकों ने पूरा सहयोग किया।

सरकार ने पूरे प्रदेश में संचालित हो रहे मदरसों का सर्वे करने का निर्देश दिया है। उसी के तहत मंगलवार को उपजिलाधिकारी सदर सुभाष सिंह धामी, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी संजय मिश्रा की अगुवाई में टीम ने शहर में संचालित मदरसों का मंगलवार किया। शहर के सबसे बड़ा और पुराना मदरसा नूर उल उलूम बिना मान्यता के संचालित मिला।

इस मदरसा का संचालन चंदा द्वारा किया जा रहा है। साथ ही मदरसे में नेपाल के छात्र भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इसके बाद अधिकारियों की टीम मदरसा उम्मे सलमा की जांच करने पहुंचे। यहां 450 बच्चे शिक्षा की तालीम हासिल कर रहे हैं। टीम ने मदरसा हिदायत उल उलूम का सर्वे किया। यहां कोई खामी नहीं मिली।

नूर उल उलूम के मौलाना कारी जुबेर ने बताया कि सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। सर्वे कार्य में पूरा सहयोग किया जा रहा है। वहीं अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने बताया कि सरकार के निर्देश पर 12 बिंदुओं पर जांच की जा रही है। बिना मान्यता के संचालित मदरसा पर वह कुछ भी बोलने से कतराते रहे।

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