सुलतानपुर: पितरों को तर्पण कर वर्षभर के लिए दी विदाई
सुलतानपुर। पितृमोक्ष अमावस्या पर रविवार को पितरों को तर्पण कर वर्ष भर के लिए विदाई दी गई। पिंडदान कर पितरों का तर्पण किया गया। वहीं श्राद्ध कर्म के साथ ब्राह्मणों और मानदान को भोज कराकर विदाई दी गई। सीताकुंड धाम पर सामूहिक पिंडदान कार्यक्रम गायत्री परिवार की ओर से किय गया। पितृ ऋण से मुक्ति …
सुलतानपुर। पितृमोक्ष अमावस्या पर रविवार को पितरों को तर्पण कर वर्ष भर के लिए विदाई दी गई। पिंडदान कर पितरों का तर्पण किया गया। वहीं श्राद्ध कर्म के साथ ब्राह्मणों और मानदान को भोज कराकर विदाई दी गई। सीताकुंड धाम पर सामूहिक पिंडदान कार्यक्रम गायत्री परिवार की ओर से किय गया। पितृ ऋण से मुक्ति के लिए सनातन धर्म में श्राद्ध व तर्पण का विधान है।
श्राद्ध पक्ष के पखवाड़े भर लोगों ने अपने पूर्वजों को याद किया और उनकी तिथि पर पिंडदान कर ब्राह्मण भोज कराने के बाद कौवों को भोग भी लगाया। सीताकुंड धाम पर गायत्री परिवार की ओर से सामूहिक पिंडदान कराया गया। यहां पर आचार्य सरयू प्रसाद वामप्रस्थी के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में दर्जनों लोगों ने एक साथ पिंडदान किया। पुरोहितों की टीम ने अनुष्ठान करवाया।
गोमती मित्रों ने किया श्रमदान
गोमती मित्र मंडल समिति के स्वयं सेवकों ने सीताकुंड धाम पर सामूहिक श्रमदान किया। प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह व मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी ने बताया कि धाम पहुंचे सभी परिवारिजनों ने गोमती मित्र मंडल व अखिल विश्व गायत्री परिवार के सभी पदाधिकारियों एवं सदस्यों की भूरी भूरी प्रशंसा की। श्रमदान व श्राद्ध तर्पण कार्यक्रम में मुख्य रूप से रतन कसौधन, डॉ सुधाकर सिंह, कैलाश नाथ तिवारी, राकेश प्रताप सिंह, मुन्ना सोनी, मुन्ना पाठक, अजय प्रताप सिंह, ओमप्रकाश कसौंधन, दिनकर प्रताप सिंह व अन्य रहे।
