अल्मोड़ा: बारिश बनी परेशानी का सबब, धान, दलहनी फसलों व जानवरों के लिए एकत्रित पुवाल को नुकसान
अल्मोड़ा, अमृत विचार। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार शुक्रवार देर शाम से क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से ग्रामीण काश्तकारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रोजमर्रा की दिनचर्या पर विराम लगने के साथ ही खेतों में एकत्रित धान, दलहनी फसलों व जानवरों के लिए एकत्रित पुवाल को नुकसान हो रहा है । कृषि …
अल्मोड़ा, अमृत विचार। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार शुक्रवार देर शाम से क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से ग्रामीण काश्तकारों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रोजमर्रा की दिनचर्या पर विराम लगने के साथ ही खेतों में एकत्रित धान, दलहनी फसलों व जानवरों के लिए एकत्रित पुवाल को नुकसान हो रहा है ।
कृषि के क्षेत्र में अग्रणी गेवाड़ घाटी में आजकल धान मड़ाई के साथ तिलहनी फसलों को एकत्रित किया जा रहा है। लेकिन शुक्रवार देर शाम से हो रही रिमझिम बारिश के चलते खेतों में एकत्रित धान व मड़ाई के बाद रखी गई जानवरों के लिए पुवाल घास को नुकसान हो रहा है। भले ही 50 फीसदी से अधिक फसल काश्तकारों द्वारा समेट ली गई है। बावजूद खेतों में कटी फसल के साथ अभी तिलहनी फसल को बारिश से नुकसान हो रहा है।
काश्तकारों का कहना है कि इस बार असोज माह में हो रही बारिश से फसल को अधिक नुकसान हुआ है। साथ ही भविष्य में जानवरों के चारे की भी दिक्कत पैदा हो सकती है। काश्तकारों ने बताया कि छह माह के लिए धान मड़ाई केबाद जानवरों के लिए एकत्रित की जाती है। लेकिन बारिश से खराब होने पर जानवर चारे के रूप में नहीं खाते। शुक्रवार से शुरू हुई बारिश से ठंडक का अहसास होने के साथ ही काश्तकारों का कहना है कि अभी खेतों में धान, सोयाबीन ,काले भट्ट जैसी दलहनी फसलें हैं। जिन्हें बारिश से नुकसान पहुंच सकता है।
