जयपुर में कांग्रेस MLA भंवरलाल शर्मा का निधन, लंबे समय से बीमार थे

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चूरू (राजस्थान)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चूरू जिले के सरदाशहर से विधायक पंडित भंवरलाल शर्मा का निधन हो गया है। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आज सुबह भंवरलाल शर्मा ने अंतिम सांस ली। शनिवार शाम को ही उन्हें एसएमएस अस्पताल भर्ती करवाया गया था। सीएम अशोक गहलोत ने विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन पर …

चूरू (राजस्थान)। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और चूरू जिले के सरदाशहर से विधायक पंडित भंवरलाल शर्मा का निधन हो गया है। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आज सुबह भंवरलाल शर्मा ने अंतिम सांस ली। शनिवार शाम को ही उन्हें एसएमएस अस्पताल भर्ती करवाया गया था। सीएम अशोक गहलोत ने विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरदारशहर (चूरू) से कांग्रेस विधायक श्री भंवरलाल शर्मा के निधन पर मेरी गहरी संवेदनाएं। काफी समय से वो अस्वस्थ चल रहे थे, उनके स्वास्थ्य को लेकर मैं उनके परिवारजनों के सम्पर्क में था, कल रात एसएमएस अस्पताल पहुंचकर चिकित्सकों से जानकारी ली और परिवार से मुलाकात की थी।

भवंरलाल शर्मा पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे। पहले उन्हें गुड़गांव के मदांता अस्पताल में भी भर्ती करवाया था, वहां से छुट्टी मिल गई थी। उन्हें किडनी सहित कई तरह की बीमारियां थीं। शनिवार को तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर उन्हें एसएमएस अस्पताल में भर्ती करवाया था, जहां इलाज के दौरान आज सुबह उनका निधन हो गया।

उनके निधन पर कांग्रेस, बीजेपी के नेताओं सहित कई संगठनों ने शोक जताया है। उनके परिवार में दो बेटे और दो बेटियां हैं। उनके बेटे अनिल शर्मा कांग्रेस की राजनीति करते हैं और सरकार ने पिछले साल उन्हें राजनीतिक नियुक्ति दी थी।

17 अप्रैल 1945 को सरदाशहर के जैतसीसर गांव में पैदा हुए भंवरलाल शर्मा ने 60 के दशक में सरपंच से राजनीतिक करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने सियासत में पीछे मुड़कर नहीं देखा। भंवरलाल शर्मा सरदारशहर से सात बार विधायक रहे। वे 8 वीं से लेकर 12 वीं विधानसभा तक सरदारशहर से पांच बार लगातार जीते। बीच में हार गए थे। ​वे कांग्रेस से पहले जनता पार्टी में रहे थे।

शर्मा 1985 में पहली बार विधायक बने थे। वे 1990 में राजस्थान सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे थे। शर्मा विधानसभा में उप मुख्य सचेतक भी रह चुके थे।

भंवरलाल शर्मा राजनीति में हमेशा मजबूत रहे और सत्ता में पकड़ रही लेकिन उन्होंने कभी देसी अंदाज नहीं छोड़ा। सरदारशहर के लोगों में दादा के नाम से मशहूर भंवरलाल शर्मा के दरवाजे जनता के लिए हमेशा खुले रहते थे। घर आए व्यक्ति को कभी भूखे नहीं जाने देते थे, यह शुरू से लेकर आखिर तक निभाया। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले सरदारशहर के लोगों का खास ध्यान रखते थे। क्षेत्र के किसी जरूरतमंद के पास दवा के पैसे नहीं होते थे तो वे इसका इंतजाम करते थे।

भंवरलाल शर्मा सियासी जोड़तोड़ के भी माहिर खिलाड़ी थे। सरकार गिराने से लेकर उसे बचाने तक के रोल में रहे और बेबाकी से रहे। कभी भी उन्होंने सियासी सच्चाई को छिपाया नहीं और बेबाकी से उसे स्वीकारा। 1990 में भैरोसिं​ह शेखावत सरकार को समर्थन दिया और जनतादल दिग्विजय कोटे से मंत्री बने। 1996 में वे जनता पार्टी से उपचुनाव जीते। 1996 में उन पर बीजपी विधायकों के साथ मिलकर भैरोसिंह शेखावत सरकार गिराने की साजिश करने के आरोप लगे थे, हालांकि सरकार बच गई थी।

जुलाई 2020 में सचिन पायलट खेमे की बगावत के समय भी भंवरलाल शर्मा चर्चित रहे थे। शर्मा पायलट खेमे के विधायकों के साथ बाड़ेबंदी में मानेसर रहे थे। जब अगस्त 2020 में सुलह हुई तो वे सबसे पहले आकर सीएम अशोक गहलोत से मिले, बाद में वे गहलोत के समर्थन में ही माने जाते रहे।

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