मन से मुलायम…इरादे लोहा…ऐसे थे नेता जी: जब CM की कुर्सी पर बैठे अखिलेश की मंच पर ही लगा दी थी डांट
गुरुग्राम/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आज (सोमवार, 10 अक्टूबर) निधन हो गया। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (82) ने गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल सोमवार सुबह करीब सवा 8 बजे आखिरी सांस ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर …
गुरुग्राम/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (सपा) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव का आज (सोमवार, 10 अक्टूबर) निधन हो गया। सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव (82) ने गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल सोमवार सुबह करीब सवा 8 बजे आखिरी सांस ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन पर बिहार सरकार ने 10 अक्टूबर को एक दिवसीय राजकीय शोक घोषित किया है।
मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे। pic.twitter.com/jcXyL9trsM
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 10, 2022
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के संस्थापक व अपने पिता मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल से उनके पार्थिव शरीर की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है। उन्होंने लिखा, मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे। गृह मंत्री अमित शाह ने भी अस्पताल पहुंचकर मुलायम सिंह को श्रद्धांजलि दी। वहीं, अखिलेश यादव की बेटी ने लिखा कि नही रहे दादा जी अब इस दुनियां में। Miss U Dadu
नही रहे दादा जी अब इस दुनियां में। ?
Miss U Dadu ? pic.twitter.com/282EtmGHa3— Aditi Yadav (@aditiyadav000) October 10, 2022
आज समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उन्हें उनके कई ऐतिहासिक फैसलों के लिए याद किया जाता रहेगा। उन्होंने न सिर्फ उत्तर प्रदेश को बल्कि भारतीय राजनीति को भी नई दिशा दी है। मुलायम सिंह ने सामाजिक परिवर्तन की इबारत लिखी। उन्हें महिलाओं को सियासत में भागीदारी दिलाने के लिए निरंतर बुलंद आवाज उठाने वाले नेता रूप में भी याद किया जाएगा।
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मुलायम सिंह ने भरे मंच पर अखिलेश यादव की लगाई थी क्लास
उत्तर प्रदेश में सत्ता रूढ़ दल के रूप में साल 2017 समाजवादी पार्टी के लिये अर्श से फर्श पर लाने वाला साबित हुआ। इस साल ना सिर्फ उसे पार्टी की अंदरूनी कलह का सामना करना पड़ा था, बल्कि विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद उसे सत्ता से बाहर भी होना पड़ा था। उस समय मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) का पारिवारिक विवाद भी सुर्खियों में छाया हुआ था। उन दिनों मुलायम भरी सभाओं में अपने बेटे अखिलेश को कुछ न कुछ सुना दिया करते थे। स्थिति ऐसी भी बन गई थी जब एक बार मंच पर मुलायम ने अखिलेश को खुलेआम चेतावनी दे डाली।
हालांकि मुलायम सिंह पहले भी कई बार कैमरे के सामने या भरी सभा में अखिलेश यादव को फटकार लगा चुके हैं। सार्वजनिक मंचों पर बार बार फटकार लगाए जाने पर अखिलेश यादव ने एक बार मंच पर कहा भी था कि ‘नेताजी’ कब राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाते हैं और कब पिता, पता ही नहीं चलता। ‘
साल 2015 में भी मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव की भरी सभा में क्लास लगा दी थी। वह मैनपुरी में आयोजित एक जनसभा के दौरान लोगों के भीड़ के सामने ही अखिलेश पर भड़क गए और सबके सामने अखिलेश को मंच पर खड़ा कर उनसे जवाब तलब किया। दरअसल मामला एक स्कूल के खुलने का था, जिसे लेकर नेताजी नाराज हो गए। उन्होंने मंच पर अपने भाषण के दौरान अखिलेश के सवाल करते हुए कहा, ‘ऐसे बहुत शिलान्यास हो जाते हैं लेकिन स्कूल निर्माण के काम में अभी तक पत्थर रखने के सिवा कुछ और क्यों नहीं हुआ है? इस सवाल के जवाब में अखिलेश कहते हैं आप कब तक चाहते हैं कि काम हो जाए बताइये। इसके बाद अखिलेश ने हंसते हुए ऐलान किया कि इसी तारीख को अगले साल तक स्कूल निर्माण का काम हो जाएगा।
इसी साल मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर यूपी के सीएम अखिलेश यादव को फटकार लगाई थी। दरअसल साल 2015 में जनेश्वर मिश्र जयंती के मौके पर लखनऊ में मौजूद मुलायम सिंह यादव ने न सिर्फ बीते लोकसभा चुनावों में मिली हार की समीक्षा न करने पर सीएम अखिलेश की क्लास ली, बल्कि बाढ़ पीड़ित किसानों को केंद्र से मुआवजे की रकम न दिलवा पाने का ठीकरा भी उन्हीं के सिर फोड़ा। वह सीएम अखिलेश पर भड़कते हुए मंच पर ही कहा कि उन्हें मिली रिपोर्ट के अनुसार मंत्रियों की छवि बहुत खराब है। उन्होंने कहा कि अगर यही हाल रहा तो उनका कोई भी मंत्री अगला विधानसभा चुनाव नहीं जीत पाएगा।
इसके अलावा मुलायम सिंह यादव बसपा से गठबंधन को लेकर कई मौकों पर नाराजगी जता चुके हैं। मुलायम सिंह यादव ने लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए पार्टी पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराते हुए जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा था कि इस हार पर कहा था कि पदाधिकारी लापरवाह रहे और जनता की नब्ज नहीं पकड़ सके।
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3 बार सीएम बने मुलायम सिंह
मुलायम सिंह यादव 3 बार यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके हैं इसके साथ ही वह 8 बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे थे। सबसे पहली बार उन्होंने साल 1989 में सीएम पद की शपथ ली थी। लेकिन उस साल जल्द ही उनकी सरकार गिर गई। हालांकि इस नेता ने हार मानना सीखा ही नहीं था। मुलायम सिंह यादव एक बार फिर साल 1993-95 में मुख्यमंत्री बने। इसके अलावा नेताजी को तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का मौका साल 2003 में मिला। साल 2012 विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को पहली बार पूर्ण बहुमत मिला। लेकिन इस साल मुलायम सिंह यादव ने अपने बेटे अखिलेश यादव को सूबे की कमान सौंप दी।
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