1963 में डॉ. लोहिया के चुनाव में पहली बार फर्रुखाबाद आए थे मुलायम सिंह
अमृत विचार,फर्रुखाबाद। सपा के संस्थापक मुलायक सिंह यादव का फर्रुखाबाद से पुराना नाता रहा था। वह डॉ. राम मनोहर लोहिया को उपचुनाव लड़ाने वर्ष 1963 में पहली बार जिले में आए थे। इसके बाद उनका जिले में आना-जाना लगा रहा। वर्ष 2015 में मंत्री रहे सतीश दीक्षित के पुत्र की शादी में अंतिम बार आए …
अमृत विचार,फर्रुखाबाद। सपा के संस्थापक मुलायक सिंह यादव का फर्रुखाबाद से पुराना नाता रहा था। वह डॉ. राम मनोहर लोहिया को उपचुनाव लड़ाने वर्ष 1963 में पहली बार जिले में आए थे। इसके बाद उनका जिले में आना-जाना लगा रहा। वर्ष 2015 में मंत्री रहे सतीश दीक्षित के पुत्र की शादी में अंतिम बार आए थे। डॉ. राममनोहर लोहिया ने सोशलिस्ट पार्टी से वर्ष 1963 में फर्रुखाबाद से चुनाव लड़ा था। तब से फर्रुखाबाद डॉ. लोहिया की कर्मभूमि बन गया। उनके चुनाव में मुलायम सिंह पहली बार जिले में आकर प्रस्ताव बने थे। उन्होंने स्व. श्याम प्रकाश गुप्ता के साथ जनपद का भ्रमण किया था। मुलायम सिंह का फर्रुखाबाद से इतना गहरा नाता था कि वह कई बार लोगों के निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए थे।
उन्होंने वर्ष 1997 में शहर के बजरिया फील्ड में मीटिंग की थी। वर्ष 1999 में चुनाव के दौरान बजरिया फील्ड में ही जनसभा को संबोधित किया था। शहर के मोहल्ला सेठगली निवासी पूर्व विधायक स्व.विमल प्रसाद तिवारी की पुत्री रंजना की शादी में 19 फरवरी 1994 को मुलायम सिंह यादव शामिल हुए थे। उन दिनों वह मुख्यमंत्री थे। फतेहगढ़ के मोहल्ला फूस बंगला निवासी बाबूसिंह यादव के भी सपा संस्थापक से पारिवारिक संबंध रहे। उनके बेटे आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ. जितेंद्र सिंह यादव की शादी में वर्ष 2002 में शामिल होने मुलायम सिंह यादव आए थे। नेताजी कार्यक्रर्ताओं का बहुत ध्यान रखते थे।
इससे मुलायक सिंह लोगों के दिल के और करीब रहते थे। मुलायम सिंह यादव ने पहली पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मां के निधन के बाद शहर की साधना गुप्ता से शादी कर ली थी। वर्ष 2005 में सातनपुर मंडी में हुए कार्यकर्ता सम्मेलन में नेताजी शामिल हुए थे। इसी साल राज्यमंत्री रहे नरेंद्र सिंह यादव की बेटी मोनिका यादव की शादी में शामिल होने परिवार समेत आए थे। आवास विकास निवासी सतीश दीक्षित 2013 से 2014 तक श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष और 2015 से 2016 तक लघु सिंचाई विभाग के मंत्री रहे। उनके पुत्र उत्कर्ष दीक्षित की 29 अप्रैल 2015 को शादी हुई थी। इसमें शामिल होने के बाद नेताजी फिर जिले में नहीं आए।
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