हल्द्वानी: विजिलेंस ने बनाई सूची, जल्द सलाखों के पीछे होंगे दरोगा जी
हल्द्वानी, अमृत विचार। दरोगा भर्ती घोटाले में विजिलेंस की गुपचुप कार्रवाई जारी है। विजिलेंस ने गलत तरीके से भर्ती हुए तमाम दरोगाओं की सूची बना ली है और माना जा रहा है कि दो-तीन दिन के भीतर इन सभी पर केस दर्ज हो जाएगा। इसको लेकर विजिलेंस ने ठोस कार्ययोजना भी बनाई है। वर्ष 2015 …
हल्द्वानी, अमृत विचार। दरोगा भर्ती घोटाले में विजिलेंस की गुपचुप कार्रवाई जारी है। विजिलेंस ने गलत तरीके से भर्ती हुए तमाम दरोगाओं की सूची बना ली है और माना जा रहा है कि दो-तीन दिन के भीतर इन सभी पर केस दर्ज हो जाएगा। इसको लेकर विजिलेंस ने ठोस कार्ययोजना भी बनाई है।
वर्ष 2015 में पंतनगर विश्व विद्यालय में दरोगा भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। यूकेएसएसएससी परीक्षा में पेपर लीक का मामला खुलने के बाद जब एसटीएफ ने पड़ताल शुरू की तो दरोगा भर्ती में भी घोटाला सामने आ गया। साथ यह भी सामने आ गया कि इन दोनों घोटालों के तार आपस में जुड़े हैं और इसकी वजह थी भाजपा नेता हाकम सिंह और पेपर छापने वाली आरएमएस टेक्ना साल्यूशंश कंपनी का मालिक राजेश कुमार चौहान। इन्होंने मिलकर यूकेएसएसएससी का पेपर लीक कराया और अब यही दरोगा भर्ती घोटाले के आरोपी है।
इस मामले में विजिलेंस ने 12 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। सूत्र बताते हैं कि 12 जालसाजों के बाद अब विजिलेंस ने गलत तरीके से भर्ती हुए दरोगाओं की सूची भी बना ली है। इस सूची में आठ से दस दरोगाओं के नाम है। बताया तो यहां तक जा रहा है कि विजिलेंस ने इनके खिलाफ केस भी दर्ज कर कर लिया है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है। जबकि सूत्रों का दावा है कि दो से तीन दिन के भीतर विजिलेंस इन दरोगाओं की गिरफ्तारी भी कर सकती है। जिसके बाद कुछ और दरोगाओं के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
दरोगा भर्ती के मामले को लेकर हमारी टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। इसको लेकर हमने एक ठोस योजना तैयार की है और दो दिन-तीन दिन के भीतर कुछ और तथ्य सामने आएंगे। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी।
-प्रह्लाद मीणा, एसपी विजिलेंस
सलाखों के पीछे पहुंचाएगी फोटो कॉपी
हल्द्वानी। घोटाले में आरोपियों को सलाखों के पीछे बनाए रखने के लिए सबसे अहम सुबूत हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि विजिलेंस के पास फिलहाल असली सुबूत नहीं है। असली सुबूत यानी ओएमआर सीट। असली ओएमआर सीट नष्ट हो चुकी है। हालांकि विजिलेंस के पास इसकी फोटो कॉपी जरूर है और जानकार अधिकारियों का दावा है कि अदालत से सजा दिलाने के लिए फोटो कॉपी ही काफी है।
