अयोध्या में मुस्लिम पक्षकारों को मस्जिद के लिए जमीन देना अनुचित
अमृत विचार, हमीरपुर। अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए मुस्लिम पक्षकारों को जमीन देना उचित नहीं है। तीस वर्ष पूर्व नरसिम्हा राव की सरकार के वक्त रामालय ट्रस्ट का गठन कर मंदिर मस्जिद बनाने का प्रस्ताव उनके समक्ष लाया गया था। जिसको 65 करोड़ रुपये का ऑफर देने के बाद उन्होंने ठुकरा दिया था और …
अमृत विचार, हमीरपुर। अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए मुस्लिम पक्षकारों को जमीन देना उचित नहीं है। तीस वर्ष पूर्व नरसिम्हा राव की सरकार के वक्त रामालय ट्रस्ट का गठन कर मंदिर मस्जिद बनाने का प्रस्ताव उनके समक्ष लाया गया था। जिसको 65 करोड़ रुपये का ऑफर देने के बाद उन्होंने ठुकरा दिया था और उस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया था।
मोदी योगी की सरकार का पतन होते ही उत्तर प्रदेश में तीन पाकिस्तान बन जाएंगे। इसकी तैयारियां अंदर खाने की जा रही हैं। उक्त उद्गार श्रीगोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने इंगोहटा गांव में पत्रकारों के जवाब के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अयोध्या के पास मस्जिद के लिए मुस्लिम पक्ष को जमीन देने के निर्णय से वह सहमत नहीं है।
कहा कि प्रधानमंत्री, सुप्रीम कोर्ट और गौरक्षकों को गुंडे कहा चुका है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी निहत्थे गौ रक्षकों पर गोली चलवा चुकी हैं। इससे ज्यादा इस देश का क्या दुर्भाग्य हो सकता है। योगी सरकार ने प्रदेश के अवैध बूचड़खाने बंद करवाकर गौहत्या रोकने का कार्य किया है।
बुंदेलखंड में गोवंश की दुर्दशा पर उन्होंने कहा कि सरकार को प्रभावी कदम उठाने चाहिए। गौरक्षा करना बेहद आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इस देश में रहने वाले सभी लोगों के पूर्वज सनातनी हिंदू थे।
देश के आजाद होने के बाद आरक्षण आदि के लालच में लोग सिख, ईसाई, मुस्लिम के मध्य बंटकर अल्पसंख्यक हो गए। पर्यावरण असंतुलन पर कहा कि विकास के नाम पर पृथ्वी को कुपित किया जा रहा है। इससे जल, वायु, अग्नि, चंद्रमा सभी व्यथित हो रहे हैं। इसका दुष्प्रभाव मानव जीवन पर पड़ रहा है।
विकास को परिभाषित करने के पूर्व सरकारों को पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठाने चाहिए। काशी के शिवलिंग के बारे में पूछे जाने के बाबत उन्होंने कहा कि पूरी काशी में शिवलिंग के अलावा कुछ नहीं है। ज्ञानवापी मस्जिद में फब्बारा नहीं बल्कि शिवलिंग है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी दल के समर्थक नहीं है। राजनीति ही राजधर्म है। सभी दलों को सत्ता में आने पर राजधर्म का पालन करना चाहिए।
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