एक समर्पण, एक था अर्पण… एपीजे अब्दुल कलाम

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पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। आज उनकी जयंती के उपलक्ष्य में हम आपके लिए कलाम द्वारा लिखी प्रसिद्ध कविता बताने जा रहे हैं। यह भी पढ़ें- … मैं उस शाम आऊंगी – ऋतु गोड़ियाल एक समर्पण, एक था अर्पण था जिनका जीवन एक दर्शन। …

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। आज उनकी जयंती के उपलक्ष्य में हम आपके लिए कलाम द्वारा लिखी प्रसिद्ध कविता बताने जा रहे हैं।

यह भी पढ़ें- … मैं उस शाम आऊंगी – ऋतु गोड़ियाल

एक समर्पण, एक था अर्पण
था जिनका जीवन एक दर्शन।
जन्में घर निर्धन के फिर भी पाया विशेष स्थान,
देख भेदभाव बालपन से, हुआ मन बेताब।

मानवता की सेवा करने उठाई आपने किताब।
की चेष्टा कोई जीव चोट ना पावें,
हर जन अपने हृदय, प्रेम अलख जगावें।
टिकाए पैर ज़मी पर, मन पंछी ऊँचा आसमाँ पावें।

किया निरतंर अभ्यास, न छोड़ी कभी आस,
विफलताओं से हुए, न कभी आप निराश।
किए निरंतर प्रयास पर प्रयास।
देशभक्त्ति की आप हो एक मिसाल,
जिसने जलाई देश में 2020 की मशाल।

सपनों को विचार, विचार को गति,
दी युवकों को ये संमति।
देश को दी आपने पहचान नई।
किया ‘ के-15 ‘ से मुकम्मल सुरक्षा इंतज़ाम।

आप तो कमाल हो, श्रीमान कलाम।
कर्मक्षेत्र था आपका विज्ञान,
पर गीत संगीत में थे बसे आपके प्राण।
आप बने बच्चों के हितैषी,
दिया मंत्र, वे बने स्वदेशी।

विश्व पटल पर रखी भारतीयों की मिसाल,
आपके गुणों की है, खान अति विशाल।
कलाम आप तो हैं कमाल!
हर देशवासी हो नत मस्तक, करें आपको सलाम।

आपको हमारा शत – प्रणाम॥

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