बाराबंकी : एक-एक जमीन कई बार बेच रहे हैं भूमाफिया

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Published By Vinay Shukla
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नवागत एसपी ने कार्यभार संभाला, गिनाई प्राथमिकताएं,महिलाओं बच्चों के प्रति अपराध के साथ-साथ संगठित अपराधों पर लगाएंगे लगाम

अमृत विचार बाराबंकी। जिले के नए पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने शनिवार को यहां कार्यभार संभाल लिया।  उन्होंने महिलाओं बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों के साथ-साथ संगठित अपराधों पर लगाम लगाने की प्रतिबद्धता दोहराई। कहा कि लखनऊ के नजदीक इला होने के कारण यहां भूमाफिया 11 जमीन कई कई बार बेच रहे हैं जिस पर सख्ती के साथ रोक लगाई जाएगी। ऐसे भूमाफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।


पुलिस लाइन के सभागार में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि वे जनता के साथ बेहतर संबंध बनाएं। उनसे संवाद कायम करें। उन्होंने महिला और साइबर सेल को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि यदि महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध हो जाता है तो उस पर त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाएगी प्रयास होगा कि ऐसे अपराध घटित ही न हों।

कहा कि साइबर सेल को और सक्रिय कर साइबर अपराध पर लगाम लगाई जा सकती है साथ ही इससे होने वाली हानि को तुरंत रिकवर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि उनका प्रयास होगा कि थाने स्तर पर ही लोगों की समस्याओं का समाधान हो जाए। जिला मुख्यालय पर कम से कम लोगों को आना पड़े। 


पीपीएससी आईपीएस बने दिनेश कुमार इसके पूर्व मुरादाबाद मुजफ्फरनगर गोंडा लखीमपुर खीरी झांसी वाराणसी प्रयागराज में काम कर चुके हैं। पुलिस अधीक्षक के तौर पर उनकी यह पहली पोस्टिंग है। मूल रूप से गाजीपुर के निवासी डीके सिंह ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की है।

पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वे अभिसूचना इकाई में कार्य करते रहे हैं इसलिए उन्हें बाराबंकी जिले की स्थिति का पूरा ज्ञान है। यह जिला मादक द्रव्यों के कारोबार से भी प्रभावित है जिसके लिए अलग से थाने और सेल बनाए जा रहे हैं।  पुलिस उनके साथ समन्वय स्थापित कर इस पर लगाम लगाने की कोशिश करेगी। सड़कों पर ट्रकों के खड़े होने से होने वाले एक्सीडेंट के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इस पर विचार विमर्श कर प्रभावी योजना बनाई जाएगी।

सामने होंगी कई बड़ी चुनौतियां

नवागत पुलिस अधीक्षक के समक्ष निकाय चुनाव को सकुशल संपन्न कराने के साथ-साथ महादेवा के अगहनी मेले को भी सकुशल संपन्न कराने की चुनौती होगी। उन्होंने ऐसे समय पर कार्यभार संभाला है जबकि संगठित अपराधों के खिलाफ अभियान चल रहा था। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। जिस पर रोक लगाने की चुनौती उनके समक्ष होगी। इसके अलावा बेलगाम हो चुके पुलिस कर्मियों को सीधे रास्ते पर लाने की समस्या से भी उन्हें जूझना पड़ेगा।

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