मुरादाबाद : सर! देखभाल करने वाला अपना कोई नहीं, मुझे हॉस्टल भेज दो

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Published By Bhawna
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कोविड में अनाथ बच्चों ने डीएम व सीडीओ से साझा किया दर्द, नाबालिगों की वेदना से नम हुईं प्रशासनिक अफसरों की आखें

मुरादाबाद, अमृत विचार। सर! मेरी देखभाल करने वाला अपना कोई नहीं है। कोरोना महामारी ने अनाथ व लाचार कर दिया। पढ़कर-लिखकर कुछ करना चाहता हूं। हॉस्टल में रहकर पढ़ने का मौका मिलेगा तो उन मां-बाप के अरमान पूरे कर सकूंगा, जो आंखों में लाखों सपने व हजारों उम्मीदें लेकर दुनिया से चल बसे। उम्मीद है कि निराश नहीं लौटूंगा। मन को झकझोरने वाली यह गुहार कोरोना के कारण अनाथ हुए उन बच्चों के है, जो गुरुवार को विकास भवन सभागार में प्रशासनिक अफसरों से मिलने पहुंचे थे। पीड़ितों की वेदना से उच्चाधिकारियों की आखें भी नम हो गईं। उन्होंने बच्चों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

विकास भवन सभागर में जिलाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह व मुख्य विकास अधिकारी सुमित यादव ने कोविड संक्रमण से अनाथ हुए बच्चों का हाल पूछा, तो बच्चों ने समस्याओं का पिटारा खोल दिया। किसी ने बताया कि राशन कार्ड नहीं बना, तो किसी ने आयुष्मान कार्ड बनवाने की बात कहीं, तो कोई घर दिलाने की गुहार लगाने लगा। इतना ही नहीं एक बच्चे ने अपने अकेलेपन को दूर कराने की गुहार लगाई। उसके कहा कि सर मेरा हॉस्टल में दाखिला करा दीजिए। इस पर डीएम ने तत्काल अपनी गाड़ी से बालक को आश्रम पद्धति स्कूल भेज दिया।

 अधिकारी को निर्देश दिए कि बालक को स्कूल पसंद आने पर दाखिला दें। इसके अलावा शिक्षा से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बुद्ध प्रिय सिंह को निर्देश दिए। जिला पंचायत राज अधिकारी ने व्यक्तिगत तौर पर देखने व सहयोग करने के लिए बच्चों से कहा। कार्यक्रम में संरक्षण अधिकारी शिवांगी, संरक्षण अधिकारी जगदीश, परामर्शदाता डिंपल त्यागी, सामाजिक कार्यकर्ता, डीसीपीयू गुंजन तिवारी, वन स्टॉप सेंटर मैनेजर समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

बच्चों को दिए प्रशासनिक अधिकारियों के नंबर
कार्यक्रम में मौजूद 23 बच्चों को लंच बॉक्स व शिक्षण किट उपहार के रूप में दी गई। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों के नंबर भी दिए गए। जिलाधिकारी ने बच्चों से कहा कि आप कॉल करके हमसे बात कर सकते हैं। आपका हर संभव सहयोग किया जाएगा।

प्रधानमंत्री आवास योजना से किया जाएगा लाभांवित
कोविड संक्रमण से अनाथ जो बच्चे किराये के मकान में गुजर बशर कर रहे हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभांवित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने ऐसे बच्चों की सूची बनाने के निर्देश दिए हैं।

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