मुरादाबाद: बजरंगी विशाल के हत्यारोपियों की गिरफ्तारी पर 50,000 रुपये का ईनाम

एसएसपी की रिपोर्ट पर डीआइजी शलभ माथुर ने घोषित की धनराशि

मुरादाबाद: बजरंगी विशाल के हत्यारोपियों की गिरफ्तारी पर 50,000 रुपये का ईनाम

मुरादाबाद, अमृत विचार बजरंग दल के प्रखंड संयोजक विशाल उर्फ एकन रायकोटी को दिन दहाड़े गोली मार कर मौत के घाट उतारने के नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी पर 50,000 हजार रुपये ईनाम की घोषणा कर दी गई है। घटना के 30 घंटे बाद भी फरार अभियुक्तों के पकड़ से दूर होने के कारण डीआइजी शलभ माथुर ने ईनाम राशि घोषित की। ठाकुरद्वारा पुलिस व एसओजी समेत पुलिस की कुल पांच टीमें आरोपियों की तलाश में जुटी हैं। देर शाम तक अभियुक्तों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। उधर, हिंदू वादी संगठन व स्थानीय लोग अभियुक्तों की अविलंब गिरफ्तारी का दबाव पुलिस पर बनाने में जुटे हैं।

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ठाकुरद्वारा कस्बे में शांति नगर वार्ड नंबर-चार वाल्मीकी बस्ती के रहने वाले विशाल को रविवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे उसके घर के समीप बदमाशों ने गोली मार दी। उत्तराखंड के काशीपुर में उपचार के दौरान विशाल की मौत हो गई। बजरंग दल कार्यकर्ता की दिनदहाड़े हत्या से ठाकुरद्वारा कस्बे का माहौल तनावपूर्ण हो गया। आक्रोशित भीड़ ने ठाकुरद्वारा व काशीपुर मार्ग जाम करते हुए कातिलों की अविलंब गिरफ्तारी की मांग शुरू की। देर रात शव का दाह संस्कार होने तक ठाकुरद्वारा कस्बे का माहौल तनावपूर्ण रहा।

कातिलों की तत्काल गिरफ्तारी की कोशिश में एसएसपी हेमराज मीना ने पुलिस की पांच टीमों का गठन किया। ठाकुरद्वारा व उत्तराखंड में विभिन्न संदिग्ध ठिकानों पर पूरी रात पुलिस की छापेमारी चली। लेकिन फरार हत्यारोपी बिलाल व अतुल शर्मा पुलिस के हाथ नहीं लगे। ऐसे में सोमवार देर शाम एसएसपी हेमराज मीना की संस्तुति पर डीआइली शलभ माथुर ने कत्ल के आरोपियों की गिरफ्तारी पर 50,000 रुपये ईनाम राशि घोषित कर दी।

ईनाम राशि घोषित होते ही पुलिस की गतिविधि तेज
फरार आरोपियों की गिरफ्तारी पर ईनाम राशि घोषित होते ही ठाकुरद्वारा में पुलिस की गतिविधि तेज हो गई। पुलिस की चाल भांप अनुमान लगाया जाने लगा कि हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता के कातिल कानून की पकड़ से बहुत दूर नहीं हैं। 24 घंटे के भीतर सभी अभियुक्तों के गिरफ्तार हो जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो मुखबिरों की मदद से पुलिस को कुछ ऐसे तार हाथ लग गए हैं, जो कानून को कातिलों तक पहुंचाते हैं। कातिलों पर जाल डालने की कवायद में पुलिस के उच्चाधिकारी देर रात तक ठाकुरद्वारा में डेरा डाले रहे।

पर्दे के पीछे छिपी कत्ल की पूरी कहानी
विशाल को दिन दहाड़े मौत के घाट उतारे जाने की दुस्साहसिक घटना की असल वजह क्या रही? यह फिलहाल पुलिस की समझ के परे है। विलाल व उसके साथियों ने विशाल को अचानक मौत के घाट उतारने की योजना क्यों बनाई? वह कौन सा कारण रहा कि विलाल अचानक विशाल के खून का प्यासा हो गया? इन सवालों के जवाब फिलहाल पुलिस के भी पास नहीं हैं।

बिलाल व विशाल को करीब से जानने वालों की मानें तो दोनों वर्षों से अच्छे दोस्त थे। डेढ़ वर्ष पहले दोनों के बीच अचानक मारपीट हुई। मारपीट की घटना ने दो दोस्तों के बीच दूरी बनाई। दोनों के बीच लंबे वक्त तक रार चली। सूत्रों की मानें तो डेढ़ माह पहले अतुल शर्मा के घर पर समझौते की बैठक हुई। समझौते में अतुल शर्मा के भाई ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अतुल व उसके परिजनों के हस्तक्षेप के कारण बिलाल व विशाल एक बार फिर दोस्त बन गए। वारदात के दो दिन पहले तक दोनों साथ देखे गए। ऐसे में दो दिनों के भीतर ऐसा क्या हुआ? जिसने विलाल को विशाल पर गोली चलाने को मजबूर कर दिया। इस सवाल का जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है।

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