मुरादाबाद  : आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां बच्चों को पढ़ाएंगी प्रेरक कहानियां

जिले में 2,770 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है। इन केंद्रों में 2,399 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां हैं,

मुरादाबाद  : आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां बच्चों को पढ़ाएंगी प्रेरक कहानियां

आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां वर्ल्ड रीडर एप के माध्यम से बच्चों को खेल-खेल में प्रेरक कहानियां व कविताएं पढ़ाएंगी। इससे बच्चों की शैक्षिक बुनियाद होने के साथ ही प्रतिभा में निखार आएगा। 

मुरादाबाद,अमृत विचार। अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर नौनिहालों को अच्छी शिक्षा मिलेगी। इसके लिए दिसंबर से सभी केंद्रों पर नई व्यवस्था शुरू की जाएगी। इस व्यवस्था के तहत आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां वर्ल्ड रीडर एप के माध्यम से बच्चों को खेल-खेल में प्रेरक कहानियां व कविताएं पढ़ाएंगी। इससे बच्चों की शैक्षिक बुनियाद होने के साथ ही प्रतिभा में निखार आएगा। 

जिले में 2,770 आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है। इन केंद्रों में 2,399 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां हैं, जबकि तीन से छह वर्ष के 63,000 बच्चे केंद्रों में अध्ययनरत है। शासन ने महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं को डिजिटल करने के लिए सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मोबाइल फोन उपलब्ध कराए हैं। अब इन मोबाइल फोन में वर्ड रीडर एप के माध्यम से पढ़कर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां बच्चों को पाठ पढ़ाएंगी। एप में हिन्दी व अंग्रेजी में 1,500 से अधिक डिजिटल कहानियों के बुक का संग्रह है। संस्था का उद्देश्य है कि इस प्रोग्राम के माध्यम से वर्ष 2024 तक 50,000 से ज्यादा बच्चों को 25 किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाए।

सार्ड संस्था ने दिया प्रशिक्षण
सार्ड संस्था की ओर से सितंबर में रीड टू किड ( वर्ल्ड रीडर) एप का आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण दिया गया। उनके फोन में एप डाउनलोड कराकर उसे चलाने और बच्चों को सिखाना बताया गया है। साथ ही केंद्रों पर एप के माध्यम से बच्चों को नियमित शिक्षा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए।

फैक्ट फाइल

  • 2,770 आंगनबाड़ी केंद्र हैं जिले में
  • तीन से छह साल तक के बच्चों की संख्या 63,000
  • 2399  आंगनबाड़ी कार्यकर्ता 
  • 1969 सहायिका 

आंगनबाड़ी केंद्रों का प्ले स्कूल की तर्ज पर संचालन हो। इसी उद्देश्य से सार्ड के सहयोग से दिसंबर से नई व्यवस्था शुरू की जाएगी। मोबाइल के माध्यम से बच्चों को कहानियां व कविताएं पढ़ाई जाएंगी। इस समय केंद्रों पर 63,000 बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। -डॉ. अनुपमा शांडिल्य, जिला कार्यक्रम अधिकारी 

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