राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का किया उद्घाटन, कहा- गीता पूरी मानवता के लिए एक जीवन-संहिता
कुरूक्षेत्र/हरियाणा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भगवद्गीता की शिक्षा के महत्व को रेखांकित करते हुए मंगलवार को कहा कि इस ग्रंथ में व्यावहारिक जीवन और अध्यात्म की सभी शंकाओं के समाधान सरलता से मिल जाते हैं।
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राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने दो दिवसीय हरियाणा दौरे में मंगलवार को कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया और यहां ब्रह्म सरोवर के तट पर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव 2022 का उद्घाटन किया । राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘ जिस तरह योग पूरे विश्व समुदाय को भारत की सौगात है उसी प्रकार योग-शास्त्र गीता भी पूरी मानवता को भारत-माता का आध्यात्मिक उपहार है। गीता पूरी मानवता के लिए एक जीवन-संहिता है, आध्यात्मिक दीप-स्तंभ है।’’
LIVE: President Droupadi Murmu addresses the International Gita Mahotsav at Kurukshetra, Haryana https://t.co/KfKrJRiLvF
— President of India (@rashtrapatibhvn) November 29, 2022
उन्होंने कहा कि केवल 700 श्लोकों की गीता में सभी वेदों का सारांश समाहित है। गीता, वेदान्त का सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथ है। मुर्मू ने कहा, ‘‘गीता एक ऐसी पुस्तक है जिसमें व्यावहारिक जीवन और अध्यात्म की सभी शंकाओं के समाधान सरलता से मिल जाते हैं।’’ उन्होंने कहा कि भगवद्गीता विपरीत परिस्थितियों में उत्साहवर्धन और निराशा में आशा का संचार करने वाला और जीवन-निर्माण करने वाला ग्रंथ है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे स्वाधीनता संग्राम को दिशा देने वाले लोकमान्य तिलक और महात्मा गांधी जैसे महानायकों ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में गीता से मार्गदर्शन प्राप्त किया और गीता पर अपनी-अपनी टीकाएं भी लिखी थीं।’’
राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी भी भगवद्गीता को ‘गीता माता’ कहते थे। उनके अनुसार, गांधीजी ने कहा था, “मुझे जन्म देने वाली माता तो चली गयी, पर संकट के समय गीता माता के पास जाना मैं सीख गया हूं।”
मुर्मू ने कहा कि वह इसे भगवान श्रीकृष्ण का वरदान मानती हैं कि राष्ट्रपति के रूप में, हरियाणा की अपनी पहली यात्रा उन्हें इस धर्म-क्षेत्र से आरंभ करने का अवसर प्राप्त हुआ है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के आयोजन तथा जन-कल्याण की योजनाओं के शुभारंभ तथा शिलान्यास के लिए हरियाणा सरकार की सराहना की।
राष्ट्रपति ने कहा कि हरियाणा के वीर जवानों, मेहनती किसानों और संघर्ष करने वाली बेटियों ने गीता के उपदेश को जीवन में ढालकर अपने-अपने कर्म-क्षेत्र में हरियाणा का और पूरे देश का गौरव बढ़ाया है। इससे पहले, राष्ट्रपति ने अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में राज्य स्तरीय प्रगतिशील हरियाणा प्रदर्शनी को देखा।
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