मुरादाबाद : गैंगस्टर एक्ट में दोषी को आठ साल की कैद, अदालत ने जुर्माना भी लगाया

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Published By Bhawna
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जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को एक महीने का साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा

मुरादाबाद,अमृत विचार। अदालत ने गैंगस्टर एक्ट के दोषी को आठ साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही उस पर पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को एक महीने का साधारण कारावास भुगतना पड़ेगा।

कटघर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष जेसी उपाध्याय ने देहरी गांव निवासी किशन उर्फ भाई साहब तथा शेखर के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें कहा गया था कि किशन और शेखर गिरोह बनाकर आपराधिक घटनाएं करते हैं। इनका जनता में भय है। इनके खिलाफ कोई शिकायत करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। आरोपी हत्या, लूट, मारपीट, छेड़खानी जैसे अपराधों में शामिल हैं।

इस मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) ज्ञानेंद्र सिंह यादव के कोर्ट नंबर पांच में चल रही थी। सुनवाई के दौरान अदालत ने सहअभियुक्त शेखर की पत्रावली पृथक कर दी थी। गैंगस्टर के आरोपी किशन उर्फ भाईसाहब ने अदालत में अपने जुर्म का इकबाल करते हुए कम से कम सजा देने की प्रार्थना की। वह अपने बचाव में कोई साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं कर सका।

पड़ोसी की हत्या में दोषी को आजीवन कारावास
मुरादाबाद। कुंदरकी थाना क्षेत्र के मिलक सीकरी गांव में 70 हजार रुपये लूटने के बाद पड़ोसी की गोली मारकर हत्या करने के दोषी को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। उसने शव को जंगल में दबा दिया था। गांव मिलक सीकरी निवासी शबाबुल ने 19 जनवरी 2016 को कुंदरकी थाने में अपने भाई भूरा की हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। शक होने पर पुलिस ने पड़ोसी गालिब को हिरासत में लेकर पूछताछ की।

पहले तो वह पुलिस को गुमराह करता रहा, मगर सख्ती करने पर उसने खेत में दबे भूरा के शव को भी बरामद करा दिया था। उसने 70 हजार रुपये लूटने के लिए गोली मारकर भूरा की हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया था। पुलिस ने उसे अदालत में पेश करने के बाद जेल भेज दिया था। इस मुकदमे की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय कुमार (द्वितीय) की अदालत में चल रही थी। डीजीसी नितिन गुप्ता और एडीजीसी संजीव अग्रवाल ने अभियोजन पक्ष रखा। अदालत ने दोनों पक्षों की बहस सुनने और पत्रावली पर मौजूद साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद गालिब को भूरा की हत्या का दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।

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