बरेली: फर्जी सीएमओ की मोहर लगाकर खरीदी गई अल्ट्रासाउंड की दो मशीन

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Published By Vishal Singh
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बरेली, अमृत विचार। भले ही सूबे की योगी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश के दावे करती है। साथ ही डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक अस्पतालों के ताबड़तोड़ निरीक्षण कर बेहतर स्वास्थ्य सेवाऐं होने का दावा करते है, लेकिन स्वास्थ्य महकमे में आज भी कितना झोल है यह किसी से छिपा हुआ नहीं है।

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ताजा मामला यूपी के बरेली जिले से है, जहां स्वास्थ्य विभाग की नाक के नीचे ही एक ही रजिस्ट्रेशन पर अलग-अलग दो अल्ट्रासाउंड मशीनें चलती पाई गयीं। इतना ही नहीं सीएमओ की फर्जी मोहर लगाकर मशीन खरीदने का मामला सामने आया है। इस बात को मीडिया के कैमरे पर खुद सीएमओ कबूलते नजर आए हैं।

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अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि फर्जी अस्पतालों और अल्ट्रासाउंड सेंटरों की रोकथाम के लिए बनाई गई स्वास्थ्य विभाग की टीमें क्या कर रही थीं जो इतने बड़े अल्ट्रासाउंड के बारे में उन्हें भनक तक नहीं लगी। ऐसे में चर्चा है कि स्वास्थ्य विभाग के ही कुछ कर्मचारियों की इसमें संलिप्तता रहती है और आकाओं के आशीर्वाद से सभी तरह के अवैध आसानी से फल फूलने लगते हैं।

क्या है मामला?
पूरा मामला बरेली के शीशगढ़ इलाके का है जहां जानकारी के मुताबिक फर्जी अल्ट्रासाउंड चलने की पोल उस समय खुली जब मशीन की बिक्री के दौरान हुई उधारी की रकम को मांगा गया तो वादे के मुताबिक समय पर रकम न मिलने पर विक्रेता ने पुलिस की मदद से अपनी मशीन वापस ले ली। जिसके बाद खरीदने वाले व्यक्ति ने शीशगढ़ थाने में मशीन चोरी की तहरीर दी तो सभ्रांत लोगों ने बैठकर दोनों पक्षों का समझौता करा दिया, लेकिन इस दौरान यह विषय जिले भर में चर्चा का विषय बन गया और पता चला कि फर्जी लेटर पर सीएमओ की फर्जी मोहर लगाकर मशीन की खरीदफरोख्त की गई थी और एक पीसीपीएनडीटी पर दो मशीनें चल रही थीं।

इसी कार्रवाई के डर से मशीन मालिक ने अपनी मशीन वापस ली थी। हालांकि अब स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अल्ट्रासाउंड मशीन संचालक के खिलाफ कार्रवाही करने की बात कर रहे हैं लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या फर्जी लेटर पर सीएमओ की मोहर किसी स्वास्थ विभाग के कर्मचारी ने लगाई थी या फिर अल्ट्रासाउंड मशीन संचालक ने सीएमओ की फर्जी मोहर बनवा रखी है इसकी जांच होना भी अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि इस कृत्य के असली दोषी पर कार्रवाई नहीं होगी तब तक ऐसे मामले थमते नजर नहीं आयेंगे।

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