जानिए कब है मोक्षदा एकादशी, जानें व्रत का महत्व, शुभ योग, पूजा विधि और मुहूर्त

जानिए कब है मोक्षदा एकादशी, जानें व्रत का महत्व, शुभ योग, पूजा विधि और मुहूर्त

इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को कुरुक्षेत्र में गीता का ज्ञान दिया था इसलिए इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है।

Mokshada Ekadashi 2022 : मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोक्षदा एकादशी के नाम से जानते हैं। इस बार यह शुभ तिथि 3 दिसंबर दिन शनिवार को है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना और व्रत करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है यह एकादशी मोक्ष दिलाने वाली है।

साथ ही इस तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत में अर्जुन को कुरुक्षेत्र में गीता का ज्ञान दिया था इसलिए इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने और गीता का पाठ करने से जन्म-मृत्यु के चक्कर से मुक्ति मिल जाती है और पूर्वजों को भी मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों में मोक्षदा एकादशी की तुलना मणि चिंतामणि से की जाती है, जो सभी मनोकामनाओं को पूरी करती है।

मोक्षदा एकादशी व्रत का महत्व
मोक्षदा एकादशी तिथि पर पूजा-अर्चना और गीता पाठ करने से कई जन्मों के पापों से मुक्ति मिल जाती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मोक्ष की प्रार्थना के लिए यह एकादशी मनाई जाती है इसलिए इस तिथि पर ही गीता ज्ञान और मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इस दिन शंख, चक्र गदाधारी भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की पूजा करने से पूर्वजों को मोक्ष तक पहुंचने में मदद मिलती है। मान्यता है कि जितना पुण्य हजारों वर्षों की तपस्या करने से मिलता है, उतना ही फल सच्चे मन से इस व्रत को करने से मिलता है। इस दिन विष्णु सहस्त्रनाम और नारायण कवच का पाठ करना बहुत ही उत्तम माना गया है।

मोक्षदा एकादशी पर रवि योग के साथ भद्रा और पंचक काल
मोक्षदा एकादशी के दिन गीता जयंती भी है। इसके साथ ही इस तिथि पर रवि नामक योग बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस योग में पूजा-अर्चना करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती हैं। हालांकि इस एकादशी पर भद्रा और पंचक का साया भी बना रहेगा। भद्रा काल शाम को 05 बजकर 33 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन 05 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। वहीं पंचक सुबह 06 बजकर 58 मिनट से ही शुरू हो जाएंगे, जो अगली दिन 06 बजकर 16 मिनट तक रहेंगे।

मोक्षदा एकादशी व्रत 2022 शुभ मुहूर्त
इस वर्ष मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ 3 दिसंबर दिन शनिवार की सुबह 05 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ हो जाएगी। एकादशी तिथि अगले दिन 4 दिसंबर दिन रविवार को सुबह 05 बजकर 34 मिनट समाप्त है। मोक्षदा एकादशी का व्रत 3 दिसंबर को रखा जाएगा, इस दिन सूर्योदय सुबह 06 बजकर 57 मिनट पर शुरू होगा। 3 दिसंबर को एकादशी होने के कारण पारण 4 दिसंबर को होगा। इस दिन पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है इसलिए व्रत का पारण करने के बाद दान-पुण्य व धार्मिक कार्य करने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।

मोक्षदा एकादशी व्रत: 3 दिसंबर 2022 दिन शनिवार
एकादशी तिथि प्रारंभ: 3 दिसंबर, सुबह 05 बजकर 39 मिनट से
एकादशी तिथि समाप्त: 4 दिसंबर, सुबह 05 बजकर 34 मिनट
व्रत का पारण: 4 दिसंबर सुबह 07:05 बजे से प्रातः 09:09 बजे तक

मोक्षदा एकादशी व्रत पूजा विधि
मोक्षदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सुबह स्नान आदि व ध्यान से निवृत होकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। इसके बाद घर के मंदिर में धूप-दीप जलाकर प्रार्थना करनी चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु के चतुर्भुज स्वरूप की तस्वीर या मूर्ति की पूजा करें और पंचामृत से अभिषेक करें। इसके बाद विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना करें, जिसमें रोली, धूप, दीप सिंदूर, तुलसी के पत्ते, फूल आदि चढ़ाएं और मिष्ठान या फल का भोग लगाएं। इसके बाद देसी घी का दीपक जलाएं और फिर कथा सुनें।

एकादशी की कथा सुनने के बाद विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना उत्तम रहेगा। इसके बाद भगवान विष्णु की आरती उतारें और एक माला भगवान विष्णु के बीज मंत्र का जप करें। पूरे दिन फलहार रखें और रात के समय जागरण करें। अगले दिन पूजा करने के बाद पारण करें और दान-पुण्य करें।

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