Som Pradosh Vrat: सोम प्रदोष व्रत करने से सभी पापों से मिलेगी मुक्ति, जानिए महत्व और उपाय

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Published By Himanshu Bhakuni
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Som Pradosh Vrat: हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को प्रदोष व्रत होता है। किसी भी प्रदोष व्रत में प्रदोष काल का बहुत महत्व होता है और त्रयोदशी आज रात के समय रहेगी। प्रदोष व्रत के दिन भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए । कहते हैं कि इस दिन जो व्यक्ति प्रदोष व्रत के साथ महादेव भोलेनाथ की पूजा करता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। इतना ही नहीं प्रदोष व्रत करने वाले को पुण्य की प्राप्ति के साथ ही उत्तम लोक भी मिलता है।

रात्रि के प्रथम प्रहर यानी सूर्योदय के बाद शाम के समय को प्रदोष काल कहते हैं। हेमाद्रि के व्रत खण्ड-2 में पृष्ठ 18 पर भविष्य पुराण के हवाले से बताया गया है कि त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति किसी भेंट के साथ शिव प्रतिमा के दर्शन करता है वह सभी पापों से मुक्त होता है। अतः आज के दिन रात के पहले प्रहर में शिवजी को कुछ न कुछ भेंट अवश्य करना चाहिए। साथ ही आज प्रदोष व्रत के दिन शिव जी के निमित्त कुछ विशेष उपाय करने से कौन-से शुभ फलों की प्राप्ति होगी।

सोम प्रदोष व्रत के दिन करें ये उपाय
उत्तर-पूर्व की दिशा में मुंह करके भगवान शिव की पूजा करें।
पूजा के समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर दूध, जल और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए।
शिवलिंग या भगवान शिव की प्रतिमा पर धतूरा और बेलपत्र जरूर चढ़ाएं।
प्रदोष व्रत के दिन शिव जी का अभिषेक-पूजन अवश्य करें।
सोम प्रदोष की कथा पढ़ने के साथ शिवजी की आरती जरूर करें।

 

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