Rampur By-Election : आकाश की सियासत ऊंचाइयों पर ले जाएगी या आजम खां का कद बरकरार रखेगी अवाम?

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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वोट की चोट : मुस्लिम बाहुल्य सीट पर उपचुनाव में भाजपा और सपा के बीच हो रही कांटे की टक्कर, मुसलमान वोटों का रुख तय करेगा हार-जीत  

रामपुर,अमृत विचार। उपचुनाव में तमाम सियासी उठापटक के बाद जनता के फैसले का दिन आ गया है। मतदान के दिन अवाम का रुख तय करेगा कि वो आजम खां को कानूनी शिकंजे में घेरने वाले आकाश की सियासत को ऊंचाइयों पर लेकर जाएगा या आजम खां का कद बरकरार रखेगा। सोमवार को वोट की चोट होनी है। मुस्लिम बाहुल्य सीट पर भाजपा और सपा के बीच कांटे की टक्कर है। मुसलमान वोटों का रुख ही हार-जीत तय करेगा।  

विधानसभा उप चुनाव में भाजपा सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर है तो दूसरी ओर शहर विधानसभा सीट से 10 बार के विधायक आजम खां के भविष्य की रणनीति भी बहुत कुछ इस उप चुनाव पर निर्भर करती है। भाजपा ने रामपुर से पहली बार मुस्लिम कार्ड खेला है और मुस्लिमों को अपने पाले में करने के लिए तमाम सीमाएं लांघ दी हैं। भाजपा के रणनीतिकारों की इस चाल ने आजम खां की बेचैनियां जरूर बढ़ा दी हैं। लेकिन कहीं न कहीं मुस्लिम मतदाताओं में आजम के प्रति सहानुभूति भी दिख रही है। रामपुर में प्रदेश के मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्री डेरा डाले रहे और मुस्लिमों के जख्मों पर मरहम रखने के साथ ही रामपुर में विकास कार्य कराए जाने का आश्वासन भी दे गए। यह कहना भी नहीं भूले कि आकाश सक्सेना ने आजम खां के विरुद्ध लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी जिसकी वजह से कोर कमेटी ने उन्हें उप चुनाव में उतारने का मौका दिया।

योगी आदित्यनाथ के मंच पर कई मुस्लिम नेता भी मौजूद रहे और मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत भी किया। इससे पहले आकाश सक्सेना वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में 55 हजार वोटों से चुनाव हार थे। आजम खां ने विधानसभा चुनाव सीतापुर जेल में रहते हुए लड़ा था। इसके बाद लोकसभा से इस्तीफा देने के बाद हुए उप चुनाव में सपा का प्रत्याशी आसिम राजा को बनाया था और आसिम राजा भाजपा प्रत्याशी से चुनाव हार गए थे।  कोर्ट के फैसले के बाद आजम खां की विधायकी जाने के बाद हो रहे उप चुनाव में आजम खां ने एक बार फिर आसिम राजा को ही प्रत्याशी बना दिया। हालांकि इस फैसले से पहली बार सपा में फूट पड़ती दिखाई दी। लेकिन इस फूट का नतीजा अवाम सोमवार को मतदान के दिन किस तरह दिखाएगी, यह आने वाला वक्त बताएगा।

पूर्व जिंप अध्यक्ष मुन्ना ने गांधी समाधि पर दिया धरना 
आचार संहिता और धारा 144 की अनदेखी करते हुए जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मशकूर मुन्ना ने आजम खां के इस फैसले को तुगलकी फरमान बताते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पत्र भी लिखा। इससे पहले एक दिसंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष से नहीं मिलने देने पर वह अपने समर्थकों के साथ गांधी समाधि पर धरना देकर बैठ गए थे। बता दें कि मुन्ना को भी जिला प्रशासन भूमाफिया घोषित कर चुका है। 

नवेद मियां को भाजपा प्रत्याशी का समर्थन पर निकाल चुकी है कांग्रेस
कांग्रेस की धुरी रहे नूरमहल के नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने खुलेआम भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना उर्फ हनी को समर्थन देने की घोषणा कर दी। नवेद मियां के इस फैसले पर कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर चुकी है। नूरमहल की प्रतिष्ठा भी इस उप चुनाव से जुड़ गई है।

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