बरेली: ताइवान में पढ़ने जाएंगे विश्वविद्यालय के छात्र, एक से तीन महीने की कर सकेंगे इंटरनशिप

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
On

 ताइवान की टीम ने विश्वविद्यालय में किया भ्रमण, जल्द ही विश्वविद्यालय में ताइवान के एक शिक्षक मैंडरिन भाषा पढ़ाने के लिए आएंगे

बरेली, अमृत विचार। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के छात्र ताइवान में जाकर पढ़ाई कर सकेंगे। वह एक से तीन महीने तक इंटरनशिप कर सकेंगे। इस दौरान उन्हें किसी तरह की दिक्कत न हो, इसके लिए मुफ्त में मैंडरिन भाषा बोलने के बारे में सिखाया जाएगा।

ये भी पढ़ें - बरेली: लोगाें को कार्यक्रम में लाने को लगाई गईं 370 प्राइवेट बसें

मंगलवार को ताइवान से आई तीन सदस्यी टीम ने विश्वविद्यालय परिसर में स्पोर्ट्स स्टेडियम, पांचाल संग्रहालय व अन्य स्थलों का निरीक्षण किया और ड्रोन से विश्वविद्यालय की थ्री डी इमेज भी तैयार की। इसके बाद कुलपति प्रो. केपी सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई, जिसमें अहम जानकारियां साझा की गईं।

ताइवान से आई टीम में पीटर एल वाई चैन, असिस्टेंट रिप्रजेंटेटिव डायरेक्टर एजुकेशन डिवीजन ताईपाई इकोनाॅमिक कल्चरल सेंटर इन इंडिया (टीईसीसी), ली वाई चैन डीन ऑफिस ऑफ इंटरनेशनल अफेयर्स एसोसिएट प्रोफेसर और क्यो लियांग इन, डायरेक्टर सेंटर फाॅर यूनिवर्सिटी सोशल रेस्पांसिबिलिटीज, नेशनल फारमूसा यूनिवर्सिटी ताइवान शामिल रहे।

रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने अक्टूबर 2021 में टीईसीसी के साथ तीन वर्ष के लिए करार किया था। इसके तहत ताइवान के एक शिक्षक विश्वविद्यालय में संचालित मैंडरिन भाषा के पाठ्यक्रम को पढ़ाएंगे। कार्यक्रम में डा. अनीता त्यागी ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फाॅर मल्टी लिंगुअल स्टडीज, मानविकी विभाग में स्वीकृत किए गए 9 भाषाओं के 18 पाठ्यक्रमों और इस वर्ष से प्रारंभ हुए नए 8 पाठ्यक्रमों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि मानविकी विभाग ने मैंडरिन-चाइनीज, जर्मन और फ्रेंच भाषाओं के दो सेमेस्टर के चार डिप्लोमा कोर्स शुरू किए हैं। टीईसीसी के डायरेक्टर ने बताया कि मैंडरिन भाषा को समझने और बोलने वाले छात्र छात्राओं के पास देश और विदेश में कई नौकरी के अच्छे अवसर उपलब्ध हैं। इस भाषा को जानने वाले लोगों की जरूरत आज कई देशों में है।

चाइना और भारत के बढ़ते व्यापार की दृष्टि से भी ये भाषा बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के साथ हुए करार के अन्तर्गत यहां मैंडरिन भाषा को पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को ताइवान में कई तरह की स्काॅलरशिप और वहां के कल्चर को समझने के बहुत अवसर सरकार उपलब्ध करवाती है। इस विश्वविद्यालय के छात्रों को फ्री में एक से तीन महीने तक वहां रहने का अवसर भी उपलब्ध है।

ड्रोन तकनीक का प्रस्तुतीकरण कियाः ली वाई चेन ने अपने फार्मूसा यूनिवर्सिटी के बारे में एक प्रस्तुति दी और क्यू लियांग इन ने नई ड्रोन तकनीकी का प्रस्तुतीकरण किया। कुलपति ने ताइवान के साथ हुए करार के अन्तर्गत छात्र-शिक्षक एक्सचेंज कार्यक्रम को शीघ्र ही लागू करने पर जोर दिया।

कार्यक्रम में कुलसचिव डा. राजीव कुमार, डा. यतेंद्र कुमार, प्रो. एसके पांडेय, प्रो. सुधीर कुमार, प्रो. जेएन मौर्य, प्रो. एसएस बेदी, प्रो. पीबी सिंह, डा. एके सिंह व सभी संकायाध्यक्ष, विभागाध्यक्ष व अन्य मौजूद रहे।

काेल्हू में गुड़ बनाना देखाः ताइवान से आई तीन सदस्यी टीम ने एक दिन पूर्व द्वारिकेश चीनी मिल का भ्रमण किया। इसके अलावा यहां की थी ड्रोन से थ्री डी इमेज तैयार की। इसके बाद पास में ही कोल्हू में बन रही गुड़ के बारे में भी जानकारी ली।

ये भी पढ़ें - बरेली: यूट्यूब से सीखकर छत पर बनाई सेहतमंद बगिया, सुनीता वर्ष 2020 से छत पर कर रहीं किचन गार्डन

संबंधित समाचार