एक साल से धरना दे रहे थे किसान, आवास विकास के अधिकारियों ने पुलिस के साथ किसानों को खदेड़ा

एक साल से धरना दे रहे थे किसान, आवास विकास के अधिकारियों ने पुलिस के साथ किसानों को खदेड़ा

मेरठ, अमृत विचार। आवास विकास परिषद की जागृति विहार एक्सटेंशन योजना के तहत पिछले एक साल से आवास विकास की जमीन पर धरना दे रहे किसानों को बृहस्पतिवार को आवास विकास के अधिकारियों ने पुलिस व आरआरएफ के साथ मिलकर खदेड़ दिया। मुआवजा दिए जाने के बाद भी किसान जमीन नहीं छोड़ रहे थे और फसल की बुवाई कर रखी थी। अधिकारियों ने फसल की जुताई कर जमीन पर कब्जा ले लिया।

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एक साल से नहीं हो पा रहा था काम
जागृति विहार एक्सटेंशन योजना पर आवास विकास पिछले एक साल से काम नहीं कर पा रहा था। दरअसल, काजीपुर के किसानों ने उस जमीन को भी आवास विकास को नहीं दिया, जिसका मुआवजा मिल चुका था। वह एक साल से जमीन पर धरना देते चले आ रहे थे। बुधवार देर रात आवास विकास ने दस किसानों को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज कराया और बृहस्पतिवार को अधिकारी पुलिस व आरआरएफ के साथ मौके पर पहुंचे। भारी पुलिस बल को देखकर काफी संख्या में ‌किसान भाग गए, कुछ ने दूर खड़े होकर नारेबाजी की। परंतु, पुलिस बल के सामने उनकी एक नहीं चली। 

कब्जा लेकर आवंटियों को दिया कब्जा
आवास विकास परिषद के अधिशासी अ‌भियंता टीके बैनर्जी ने बताया कि किसानों के धरना देने के चलते जमीन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा था। जिस, कारण आवंटी अपने मकान व भवन का निर्माण नहीं कर पा रहे थे। यदि, कोई आवंटी वहां जाकर काम करने का प्रयास कर रहा था तो किसान उसके साथ मारपीट करके उसे भगा देते थे। जिस, कारण आवंटी भी लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। जमीन को कब्जामुक्त कराने के बादा आवंटियों को दे दी गई है। फिलहाल मौके पर पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है।

इनके खिलाफ दर्ज कराया गया मुकदमा
आवास विकास की भूमि पर धरना देने वाले भारत भड़ाना, संदीप, श्रीपाल, हुकुम सिंह, ज्ञानेंद्र, धनप्रकाश, प्रेमी, तुलसीदास, आबिद, जंकालो आदि किसानों के खिलाफ बुधवार को मैडिकल थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। पुलिस मामले की जांच करने में जुट गई है। वहीं, किसानों का कहना है कि उन्हें ना तो बढ़ा मुअवजा दिया गया और ना ही प्लॉट दिए गए। वह लगातार धरना व आंदोलन करते रहेंगे।

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