पीलीभीत: अनम हत्याकांड मामले में लापरवाह दरोगा पर गिरी गाज, किया गया निलंबित
पीलीभीत, अमृत विचार। गुडवर्क के आगे मातहतों की लापरवाही पर पर्दा डालने पर हुई फजीहत के बाद आखिरकार पुलिस अधिकारियों ने सुध ली। 10 साल की मासूम अनम की निर्मम हत्या करने के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में घिरे दरोगा पर गाज गिरी है। उसे निलंबित कर दिया गया है। प्रथम दृष्टया जांच में सामने आया है कि सूचना मिलने के बाद भी दरोगा गंभीर नहीं हुए थे।
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अमरिया थाना क्षेत्र के माधोपुर गांव की निवासी 10 वर्षीय अनम पुत्री अनीस की चाकूओं से गोदकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। वह दो दिसंबर की शाम करीब छह बजे अपने चाचा शादाब और चचेरी बहन के साथ पड़ोस के गांव सरैंदा पट्टी में उर्स देखने गई थी। उर्स से अचानक लापता होने के बाद दूसरे दिन उसका शव गेहूं के खेत में मिला था।
पिता ने गांव के ही शकील के खिलाफ रंजिशन हत्या करने की रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। पांच दिसंबर को पुलिस ने खुलासा कर बच्ची के दादा, पिता, चाचा समेत पांच हत्यारोपियों को जेल भेज दिया था। नामजदगी पूरी तरह से गलत निकली थी। रंजिशन दुश्मन को फंसाने के लिए बच्ची की हत्या परिवार वालों ने ही कर दी थी। अधिकारियों ने गुडवर्क करने वाली टीम को 25 हजार रुपये ईनाम की घोषणा कर दी थी। मगर, घटना में पुलिस की लापरवाही पर पर्दा डाल दिया था।

यह सामने आया था कि दो दिसंबर को बच्ची को बेहाश करने के बाद तीन दिसंबर की सुबह हत्या की गई थी। यानि रात भी बच्ची बेहोशी की हालत में जिंदा थी। इसकी सूचना साजिश रचने वाले परिवार ने उर्स में मौजूद पुलिस को भी दी थी और एनाउंसमेंट भी कराया था। इस लापरवाही को उस वक्त अफसर दबा ले गए थे। यह तर्क दिया गया था कि उर्स में रात को एनाउंसमेंट तो कराया गया था, लेकिन पुलिस को कोई सूचना नहीं दी गई थी।
अमृत विचार ने इसे लेकर प्रमुखता से समाचार प्रकाशित करते हुए पुलिस की लापरवाही और अभयदान दिए जाने पर सवाल खड़े किए थे। फजीहत को देखते हुए मामले का संज्ञान लेकर अफसरों ने सुध ली और फिर एसओ से मिली रिपोर्ट के आधार पर प्रथमदृष्टया दोषी पाते हुए दरोगा रामकिशोर को निलंबित कर दिया है।
हालांकि इस हत्याकांड की शुरुआत में एसओ अमरिया का भी लापरवाह रवैया सामने आया था। चर्चा है कि खुद पर आंच न आए इसी को लेकर दरोगा की रिपोर्ट देकर खुद का बचाव कर लिया गया। फिलहाल कार्रवाई से हड़कंप मच गया है।
डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी (एएसपी) ने बताया कि अनम हत्याकांड का खुलासा कर पांच अभियुक्त जेल भेजे जा चुके हैं। पुलिस की लापरवाही को लेकर जांच में प्रथम दृष्टया यह सामने आया था कि सूचना मिलने के बाद दरोगा ने कार्रवाई नहीं की। इसी के चलते निलंबन किया गया है। इसे लेकर जांच अभी कराई जा रही है। अगर, उसमें दरोगा पर लगे आरोप सही पाए गए तो सख्त एक्शन लिया जाएगा।
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