POCSO केस के निस्तारण में कितने दिन लगते हैं ? खुद महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया
नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) मामलों के निस्तारण में औसतन 509 दिन का समय लगता है। उन्होंने न्यायाधीशों से सुझाव मांगे कि बच्चों के मामले में तेजी के लिए आधारभूत ढांचे में क्या होना चाहिए। पॉक्सो कानून 2012 का उद्देश्य बच्चों को यौन उत्पीड़न, यौन दुर्व्यवहार, बाल अश्लीलता समेत अन्य अपराधों से बचाना है और ऐसे अपराधों के सुनवाई के लिए विशेष अदालतों की स्थापना का प्रावधान है।
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शनिवार को यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण पर राष्ट्रीय हितधारक परामर्श के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए, ईरानी ने कहा कि औसतन प्रत्येक सजा के तुलना में तीन निर्दोष करार दिए जाते हैं और पॉक्सो के सभी मामलों में से 56 प्रतिशत यौन उत्पीड़न के अपराधों से संबंधित हैं। मंत्री ने कहा कि पॉक्सो मामले के निस्तारण में औसतन 509 दिन लगते हैं।
Joined the inaugural session of 2-days National Annual Stakeholders Consultation on Child Protection with focus on implementation of Protection of Children from Sexual Offences (POCSO) Act, 2012 under the aegis of Juvenile Justice Committee Supreme Court of India. pic.twitter.com/zkOWR6EYKf
— Smriti Z Irani (@smritiirani) December 10, 2022
उन्होंने कहा, मेरा आज हितधारकों और माननीय न्यायाधीशों से अनुरोध है कि क्या आप हमें बता सकते हैं कि मंत्रालय द्वारा और क्या किया जा सकता है ताकि हम अपने बच्चों के मामलों के समाधान में तेजी लाने को लेकर न्याय प्रणाली के साथ भागीदारी सुनिश्चित कर सकें। ईरानी ने कहा, मुझे आशा है कि भारत के प्रधान न्यायाधीश के मार्गदर्शन में, हम इन अंतरालों को भर सकते हैं ताकि ऐसे बच्चों में फिर से विश्वास की भावना पैदा हो।
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