रणजी खिताब जीतने के बाद सिर्फ एक महीने का लिया विराम, जीत की भूख बनी हुई है, मध्यप्रदेश के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव का बयान
मौजूदा रणजी सत्र में मध्यप्रदेश की पहली भिड़ंत 13 से 16 दिसंबर के बीच जम्मू-कश्मीर से जम्मू में होगी
इंदौर। मध्यप्रदेश के गठन के साढ़े छह दशक के लम्बे अंतराल के बाद पिछले सत्र में अपना पहला रणजी खिताब जीतने वाली राज्य की टीम जब इस प्रतिष्ठित घरेलू स्पर्धा के मौजूदा सत्र में मंगलवार (13 दिसंबर) से अपने सफर की शुरुआत करेगी, तो उस पर अपनी ऐतिहासिक कामयाबी दोहराने का स्वाभाविक तौर पर दबाव होगा। हालांकि, मध्यप्रदेश के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव का कहना है कि रणजी खिताब जीतने के बाद टीम ने केवल एक महीने का विराम लिया था और उसमें जीत की तेज भूख बनी हुई है।
That Winning Feeling! 🙌 🙌
— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) June 26, 2022
Madhya Pradesh Captain Aditya Shrivastava receives the coveted Ranji Trophy 🏆 from the hands of Mr Jayesh George, Honorary Joint Secretary, BCCI 👏 👏@Paytm | #RanjiTrophy | #Final | #MPvMUM
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मौजूदा रणजी सत्र में मध्यप्रदेश की पहली भिड़ंत 13 से 16 दिसंबर के बीच जम्मू-कश्मीर से जम्मू में होगी। इससे पहले साक्षात्कार में मध्यप्रदेश के कप्तान आदित्य श्रीवास्तव ने कहा, 'हमने 26 जून को रणजी खिताब जीतने के बाद जुलाई में केवल एक महीने का विराम लिया था। एक अगस्त से हम फिर प्रशिक्षण और तैयारियों में जुट गए थे जिससे हमारी टीम आत्मविश्वास से भरी है।' उन्होंने माना कि मध्यप्रदेश पर रणजी खिताब बरकरार रखने का दबाव है, लेकिन टीम को इसका सकारात्मक फायदा उठाना आता है।
श्रीवास्तव ने कहा, 'शीर्ष पर पहुंचने की उपलब्धि को दोहराना जाहिर तौर पर ज्यादा मुश्किल होता है। लेकिन हमारी टीम बखूबी जानती है कि अगर पिछले रणजी सत्र के दौरान हमने 100 प्रतिशत मेहनत की थी, तो इस सत्र में 200 प्रतिशत मेहनत करनी होगी। हम अपनी ओर से कोई कसर नहीं छोड़ेंगे क्योंकि हममें जीत की तेज भूख अब भी बनी हुई है।
मध्यप्रदेश की मौजूदा रणजी टीम में कुछ बदलाव हुए हैं। मसलन मध्यप्रदेश के दिग्गज खिलाड़ियों में शामिल रहे तेज गेंदबाज ईश्वर पांडे टीम का हिस्सा नहीं हैं क्योंकि वह खेल से संन्यास ले चुके हैं। श्रीवास्तव ने कहा, 'पिछले रणजी सत्र में हमने उम्दा गेंदबाजी की थी। हम इस सत्र में भी गेंदबाजी की इस धार को बनाए रखना चाहेंगे। हमारे पास इस बार तेज गेंदबाज के रूप में आवेश खान भी हैं जो अपनी दूसरी प्रतिबद्धताओं के चलते पिछली बार हमारे साथ नहीं खेल सके थे।' उन्होंने कहा कि ठंडे मौसम से मध्यप्रदेश के तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है और टीम अपने कोच चंद्रकांत पंडित के मार्गदर्शन में अपनी रणनीति में स्थानीय हालात के मुताबिक बदलाव करती रहेगी।
मध्यप्रदेश के 29 वर्षीय कप्तान ने यह भी बताया कि इस बार अमन सोलंकी और युवराज नीमा जैसे नौजवान खिलाड़ियों को रणजी टीम में शामिल किया गया है। श्रीवास्तव ने कहा कि मध्यप्रदेश की रणजी टीम की औसत उम्र 25 साल के आस-पास है और टीम में 'युवा खून' और अनुभवी खिलाड़ियों का एकदम सही संतुलन है। गौरतलब है कि पिछले सत्र में श्रीवास्तव की अगुवाई वाली मध्यप्रदेश की टीम ने 41 बार रणजी चैंपियन रह चुकी मुंबई को घरेलू क्रिकेट के इस सबसे बड़े मुकाबले में बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में पटखनी दी थी और मध्यप्रदेश के गठन के साढ़े छह दशक के लम्बे अंतराल के बाद पहला रणजी खिताब अपने नाम किया था।
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