अयोध्या नगर निगम में शामिल 41 गांवों का होगा जीआईएस सर्वे, स्वीकृति के लिए भेजा गया पत्र
अमृत विचार,अयोध्या। नगर निगम में शामिल किये गये 41 राजस्व ग्रामों का जीआईएस सर्वे कराया जाएगा। हालांकि अभी स्थानीय निकाय निदेशालय से अनुमति नहीं मिली है। लेकिन स्थानीय निकाय विभाग से स्वीकृति के बाद सर्वे की कार्रवाई शुरू हो जाएगी। सर्वे पूरा होने के बाद ही निगम में शामिल 41 गांवों में गृह कर व जल कर का निर्धारण हो सकेगा। सर्वे में यह स्पष्ट हो जाएगा कि कौन सा भवन आवासीय है और कौन व्यवसायिक। इसके अलावा मार्केट, बाजार व अन्य स्थलों का भी चिन्हांकन हो जाएगा।
सेटेलाइट सर्वे के माध्यम से यह पता चल सकेगा कि कितने मकान है, कितना क्षेत्रफल एक मंजिला या दो मंजिला है। फिलहाल 41 गांवों में 118 अनावासीय स्थलों पर टैक्स निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है। इन गांवों में मैरिज हाल, बैंकट किहाल सहित अन्य व्यवसायिक स्थलों का टैक्स निर्धारण किया जा रहा है।
इन अनावासीय भवनों से 1 अप्रैल 2021 से टैक्स लिया जायेगा। 41 नए शामिल गांवों का जीआईएस सर्वे कराने के लिए विगत 22 सितम्बर को नगर आयुक्त की ओर से निदेशक स्थानीय निकाय से जीआईएस सर्वे कराने के लिए अनुमति मांगी गयी है। निदेशक स्थानीय निकाय से स्वीकृति का इंतजार है। माना जा रहा है कि अब निकाय चुनाव के बाद ही 41 गांव में सर्वे कराया जा सकता है।
अनावासीय भवन स्वामियों को 2025 तक टैक्स से राहत
वर्ष 2021 में महानगर से सटे 41 राजस्व गांवों को नगर निगम में शामिल किया गया था। नगर निगम अधिनियम 1959 के नियम मुताबिक 2025 तक आवासीय भवनों पर टैक्स नहीं लगेगा। ऐसे में इन 41 गांव के लोगों को आवासीय भवनों से 2025 तक टैक्स से राहत रहेगी। 41 गांवों में जीआईएस सर्वे के पहले आवासीय टैक्स नहीं लगेगा। लेकिन नगर निगम अधिनियम में यह भी है कि यदि इन गांवों में 5 वर्ष से पहले ही बुनियादी सुविधाएं जैसे सड़क, स्ट्रीट लाइट और वाटर सप्लाई मुहैया हो जाता है तो आवासीय भवनों पर भी टैक्स लग सकता है। आवासीय टैक्स के लिए रोड, स्ट्रीट लाइट व वाटर सप्लाई होना चाहिये अगर यह सुविधाएं हैं तो 5 साल से पहले भी टैक्स लिया जा सकती है।
अयोध्या शहर में अभी तक नहीं हुआ 15 वार्डों का जीआईएस सर्वे
इसके पहले फैजाबाद शहर में शामिल 45 वार्डों का जीआईएस सर्वे साईं कांस्ट्रक्शन कम्पनी ने किया था। लेकिन अयोध्या शहर के 15 वार्डों का जीआईएस सर्वे अभी तक नहीं हुआ है। अयोध्या में जीआईएस सर्वे न होने के पीछे यहां के पार्षदों की ओर से विरोध किया जाना माना जा रहा है।
नगर निगम में शामिल 41 गांवों के जीआईएस सर्वे के लिए नगर आयुक्त के माध्यम से स्थानीय निकाय निदेशालय को पत्र भेजा गया है। निदेशालय की ओर से किसी नोडल एजेंसी को जीआईएस सर्वे का कार्य सौंपा जायेगा। सर्वे के बाद ही 41 गांव में आवासीय भवनों पर टैक्स का निर्धारण किया जायेगा। लेकिन यदि वहां सभी बेसिक सुविधाएं मिलने लगेंगी तो 5 साल से पहले भी टैक्स लगाया जा सकता है ...गजेन्द्र कुमार सिंह, मुख्य कर निर्धारण अधिकारी, नगर निगम।
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