मुरादाबाद : चुनाव न होने पर प्रशासकों के हवाले होंगे नगर निकाय
व्यवस्था : चार जनवरी 2018 को हुई नगर निगम की पहली बैठक से माना जाएगा कार्यकाल
मुरादाबाद,अमृत विचार। आरक्षण के पेच में फंसे नगर निकाय चुनाव यदि तय समय तक नहीं हुए तो प्रशासकों के हवाले हो जाएंगे। तय कार्यकाल पर चुनाव न होने पर नगर निगम में नगर आयुक्त, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में अधिशासी अधिकारी प्रशासक की भूमिका में होंगे। तारीखों की घोषणा न होने से लगता है कि मुरादाबाद नगर निगम में भी यदि चार जनवरी से पहले बोर्ड का गठन नहीं हुआ तो नगर आयुक्त के पास अधिकार आ जाएगा।
- जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में संभावित हैं नगर निकाय चुनाव
- प्रमुख सचिव नगर विकास के पत्र के बाद व्यवस्था बनाने की तैयारी
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। उनके आदेश के बाद जिले में भी प्रशासनिक और निकायों में सरगर्मी तेज हो गई है। आरक्षण के पेच में अभी तक तारीख घोषित न होने को देखते हुए अधिकारी प्रशासनिक व्यवस्था बनाने में जुट गए हैं। वह अपने स्तर पर चुनाव और प्रशासकीय व्यवस्था दोनों की तैयारी में लग गए हैं।
प्रमुख सचिव ने पत्र में लिखा है कि निकायों के कार्यकाल की गणना उनके गठन के बाद शपथ ग्रहण की तारीख के बाद प्रथम बैठक से मानी जाएगी। यदि इस समय तक चुनाव नहीं हो पाए तो नगर निगम में नगर आयुक्त, नगर पालिका परिषदों और नगर पंचायतों में अधिशासी अधिकारी को चार्ज मिलेगा। निकाय की कार्यकारिणी समिति बहुमत के आधार पर नगर आयुक्त, अधिशासी अधिकारी को परामर्श दे सकेगी। यह समिति नागरिक सुविधाओं का भी ख्याल रखेगी। ऐसा करने में कार्यकारिणी समिति के सदस्यों को कोई पारिश्रमिक, मानदेय या भत्ता नहीं मिलेगा।
नगर पालिका व नगर पंचायतों के खाते का संचालन अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से होगा। भुगतान नकद की बजाय यथासंभव चेक के माध्यम से किया जाएगा। नगर निगम में भाजपा के बहुमत वाले बोर्ड ने चुनाव के बाद दिसंबर 2017 में शपथ ग्रहण किया था और चार जनवरी 2018 को बोर्ड की पहली बैठक हुई थी। ऐसे में यदि चार जनवरी से पहले चुनाव होकर बोर्ड गठित नहीं हुआ तो नगर आयुक्त को सारे अधिकार मिल जाएंगे। वहीं अन्य निकायों में भी बोर्ड की पहली बैठक का रिकार्ड लेकर उसके अनुसार प्रशासक को दायित्व देने की व्यवस्था में अधिकारी लग गए हैं। जिससे एक दिन भी पद रिक्त न रहे।
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