अयोध्या: निजी बस संचालकों को मनाने का जिम्मा निगम अधिकारियों को, जानें क्या मामला

अयोध्या: निजी बस संचालकों को मनाने का जिम्मा निगम अधिकारियों को, जानें क्या मामला

अमृत विचार,अयोध्या। यात्रियों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने बसों के बेड़े में तीन चौथाई निजी बसों को शामिल करने का निर्णय लिया था और जिम्मा नगर निगम अधिकारियों को सौंप टेंडर आमंत्रित किया था। हालांकि निजी बस संचालकों ने इस योजना को लेकर उत्साह नहीं दिखाया। जिसको लेकर अब मुख्यालय ने निगम अधिकारियों को निजी बस संचालकों को मनाने का जिम्मा सौंपा है। वहीं अधिकारी निजी बस संचालकों की बेरुखी से हलकान हैं।  

अधिवर्षिता आयु पूरी कर बेड़े से रिटायर हो चुकी तथा रिटायर होने के करीब सरकारी बसों की तादात काफी होने के चलते उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बार्ड की बैठक में निगम के बेड़े में 75 फीसदी निजी बसों को शामिल करने तथा अनुबंध के आधार पर निजी बसों के संचालन का निर्णय हुआ था। 

अनुबंध और संचालन के लिए निजी बस संचालकों से परिक्षेत्र स्तर पर टेंडर आमंत्रित किया गया था, हलांकि अयोध्या परिक्षेत्र में अयोध्या डिपो के साथ अंबेडकरनगर, अमेठी और सुल्तानपुर बस डिपो में अनुबंध के आधार पर निजी बसों के संचालन के लिये केवल 17 निजी बस संचालकों ने ही उत्सुकता जताई, जबकि परिक्षेत्र को लक्ष्य 150 निजी बसों का दिया गया था। यही हाल प्रदेश के अन्य परिक्षेत्र का भी रहा।

 परिवहन मुख्यालय ने योजना के अनुपालन की समीक्षा की तो असलियत सामने आने के बाद मामला फिर से बोर्ड की बैठक में रखा गया। अभी हाल में हुई बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि योजना को परवान चढ़ाने के लिए परिवहन निगम के अधिकारी निजी बस संचालकों से संवाद शुरू करें और योजना का व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार कराया जाए, जिससे निजी बस संचालक अनुबंध और संचालन के लिए तैयार हों। 
 
रोडवेज इम्प्लाइज यूनियन के क्षेत्रीय महामंत्री राजेंद्र पांडेय का कहना है कि राजमार्गो ही नहीं राष्ट्रीय राजमार्गों पर निजी बसें डग्गामारी करते हुए बिहार और बंगाल से दिल्ली तक फर्राटा भर रही हैं, जिससे निजी बस संचालकों को मोटा मुनाफा हो रहा है। कोई मोटा मुनाफा छोड़ अपनी बसों को रोडवेज में क्यों अनुबंधित करेगा ? 

निगम को निजीकरण रास्ते पर ले जा रहे प्रबंधन ने अधिकारीयों को निजी बस संचालकों को मनाने का जिम्मा सौंपा है। रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक विमल रंजन ने बताया कि मुख्यालय के निर्देश पर निजी बसों को अनुबंध के आधार पर संचालित करने के लिए टेंडर आमंत्रित किया गया था। मुख्यालय के निर्देश के तहत पर्याप्त तादात में बसों के लिए फिर से टेंडर कराया जाएगा।

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