पुलिस कह रही खाली करवाओ, नगर निगम सुन नहीं रहा, Kanpur के 430 जर्जर मकान हादसों को दे रहे दावत

Amrit Vichar Network
Published By Kanpur Digital
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कानपुर में 430 मकान जर्जर हो चुके है।

कानपुर में 430 जर्जर मकान कभी भी हादसों को दावत दे सकते हैं। पुलिस इन मकानों को खाली करवाने के लिए कह रही है, लेकिन नगर निगम सुन नहीं रहा है।

कानपुर, अमृत विचार। शहर में जर्जर हो चुके मकान लोगों की जान लेने पर आमादा हैं। बरसात से अभी तक दस मकान अचानक भरभराकर गिर चुके हैं। बेकनगंज के तलाक महल में तीन दिन पहले एक जर्जर बिल्डिंग का अगला हिस्सा भराभरा कर ढह गया। मलबे में दबने से छह से ज्यादा लोग घायल हो गए।

इस हादसे के बाद कर्नलगंज पुलिस ने क्षेत्र में जर्जर हो चुके मकानों को गिराने की कार्रवाई के लिये नगर निगम को लिखा है। बता दें कि, शहर में 430 जर्जर मकान हैं, जो कभी भी हादसों को दावत दे सकते हैं। विभाग मकानों पर नोटिस चस्पा कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।

नगर निगम के आंकड़ों की माने तो शहर में 429 जर्जर और गिराऊ मकान चिन्हित किए गए हैं, सभी को खाली करने का नोटिस भी दिया जा चुका है। इन बिल्डिंगों में करीब तीन हजार से अधिक लोग रह रहे हैं। कई जगहों पर तो जर्जर भवनों में ही फैक्ट्री, गोदाम व बड़ी-बड़ी दुकानें चल रही हैं।

पुराना कानपुर, कर्नलगंज, चमनगंज, बादशाहीनाका, ग्वालटाली, चंद्रनगर में ऐसी तमाम भवन आज भी खड़ें हैं जहां लोग रह रहे हैं। बरसात आते और मौसम में नमी आते ही मकानों के गिरने का खतरा मंडराने लगता है। नगर निगम ने ऐसे मकानों को गिराने की योजना तो बनाई है, लेकिन अभियान अभी चला नहीं है। 

जर्जर मकान में चल रहा कोर्ट केस  

नगर निगम में जर्जर मकानों के गिराने के लिए प्रार्थना पत्र आते हैं। जिसके बाद नगर निगम ने भवनों को गिराने का खर्च मकान मालिक से लेता है। जिसमें बात फंस जाती है। एक और कारण है जिसकी वजह से ने नगर निगम भवनों पर कार्रवाई नहीं कर पाता है। वो यह कि इनमें से अधिकतर मकान ऐसे हैं, जिनका केस कोर्ट में चल रहा है, और फैसले का इंतजार है। जिसकी वजह से नगर निगम कोई कार्रवाई नहीं करता है।

यहां पर सबसे ज्यादा गिराऊ मकान 

लक्ष्मीपुरवा, लाठीमोहाल, सिरकीमोहाल, नौघड़ा, बांसमंडी, जवाहर नगर, नेहरू नगर, चंद्र नगर, पी रोड, अनवरगंज, बेकनगंज, बंदरिया हाता, लाटूश रोड, चमनगंज, फहीमाबाद, कछियाना, चटाई मोहाल, नयागंज, मनीराम बगिया, टोपी बाजार, मछलीबाजार, हरबंशमोहाल आदि। 

2022 में कब कब हुआ हादसा 

- 24 जुलाई को सुतरखाना में सैकड़ों साल पुरानी बिल्डिंग गिरने से एक दिव्यांग की मौत हुई। 
- 6 अगस्त को कलक्टरगंज शक्कर पट्टी में सौ साल पुराना जर्जर मकान अचानक ढह गया। 
- 15 अगस्त जूही गढ़ा में जर्जर मकान का छत ढहने से एक की मौत, दो घायल हो गए। 
- 3 अगस्त को बड़ा चौराहा स्थित बैंक की दीवार ढहने स दो की मौत, दो घायल हो गए।  
- 7 अगस्त रतनलाल नगर में दीप अपार्टमेंट के धंसने के साथ-साथ पिलर पर पड़े दरार। 
- नवंबर में अफीमकोठी में जर्जर मकान की गिरने से प्लंबर समेत 2 अन्य घायल।
-  22 दिसंबर को रात में बेकनगंज के तलाक महल में एक मकान का आगे का हिस्सा गिरने से छह लोग घायल हो गये।

जोन    जर्जर मकान 

जोन-1              222
जोन-2              06
जोन-3              42
जोन-4              120
जोन-5              18
जोन-6              22
कुल                 430 

गिराऊ और जर्जर भवनों को नोटिस दी जाती है। जिनके मामले कोर्ट में हैं, उनमें नगर निगम दखल नहीं दे सकता है।- शिवशरणप्पा जीएन, नगर आयुक्त

 

 

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