Kanpur : IIT और KGMU बनाएंगे स्मार्ट उपकरण, देश भर के विभिन्न संस्थानों के नौ युवा बनाएंगे उपकरण
Kanpur News कानपुर आईआईटी और केजीएमयू बनाएंगे स्मार्ट उपकरण।
Kanpur News कानपुर आईआईटी और केजीएमयू स्मार्ट उपकरण बनाएंगे। इसमें देश भर के विभिन्न संस्थानों के नौ युवा उपकरण बनाएंगे। मरीजों के साथ ही जटिल ऑपरेशन में मदद मिल सकेगी।
कानपुर, अमृत विचार। Kanpur News चिकित्सीय सुविधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरी के लिए आईआईटी कानपुर और किंग जार्ज मेडिकल यूनवर्सिटी (केजीएमयू) साथ आए हैं। दोनों मिलकर ऐसे उपकरण और मशीने तैयार कर रहे हैं, जिनकी मदद से न सिर्फ मरीजों की तकलीफें कम होंगी, बल्कि जटिल ऑपरेशन में सहूलियत हो जाएगी।
इसके लिए देश भर के नौ युवाओं ने तीन महीने केजीएमयू में रूक कर वहां के डॉक्टरों के साथ कार्य किया है। मरीजों के इलाज में आ रही दिक्कतों को देखा है। अब वे सभी शोधार्थी आईआईटी आ गए हैं। उनके आइडिया और सोच को मशीन के रूप में विकसित किया जा रहा है।
आईआईटी कानपुर में गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी और 600 बेड के प्रस्तावित मल्टी सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल का निर्माण कार्य चालू हो गया है। यहां डॉक्टर और इंजीनियर मिलकर चिकित्सीय शोध पर कार्य करेंगे। इसमें दवाओं की खोज के साथ ही कैंसर, न्यूरो, रेडियोलॉजी समेत अन्य क्षेत्रों में तकनीकी विकास शामिल हैं। हैदराबाद के नारायणा हृदयालय और एम्स नई दिल्ली के सहयोग से कृत्रिम दिल पर ट्रायल जारी है।
इसी तरह आईआईटी का केजीएमयू के साथ शोध कार्य कर रही है। संस्थान के बायोलॉजिकल साइंस एंड बायो इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रो. अमिताभ बंद्योपाध्याय के मुताबिक सितंबर में नौ शोधार्थियों को तीन महीने के लिए किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में भेजा गया था।
वहां रहकर उन्होंने मरीजों और डॉक्टरों की हर छोटी बड़ी समस्या को देखा। आठ दिसंबर से सभी आईआइटी में आ गए है। इनमें मुंबई, आंध्र प्रदेश, केरल समेत अन्य राज्यों के शोधार्थी शामिल हैं। सभी ने अपने आइडिया और स्टार्टअप की रूपरेखा तैयार कर ली है। संस्थान के विशेषज्ञों की मदद से उनका प्रोटोटाइप तैयार किया जा रहा है।
शार्क टैंक की तरह होगा बड़ा आयोजन
प्रो. बंद्योपाध्याय के मुताबिक नए साल की शुरूआत में आठ जनवरी को आईआईटी में शार्क टैंक जैसा कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है, जिसमें इन नौ शोधार्थी अपने दो से तीन आइडिया को नामी उद्यमियों के सामने रखेंगे। यह कार्यक्रम ऑपलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से आयोजित किया जा सकता है। इसको लेकर तैयारियां चल रही हैं। कई नामी उद्यमी शामिल हो सकते हैं। यह युवाओं के आइडिया को बढ़ावा देने में सहयोग करेंगे।
मेक इन इंडिया पर आधारित होंगे उपकरण
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि युवाओं की तरफ से विकसित किए जा रहे उपकरण पूरी तरह से मेक इन इंडिया पर आधारित रहेंगे। कोविड संक्रमण के दौरान संस्थान के छात्रों ने वेंटीलेटर, पीपीई किट, मास्क समेत अन्य उपकरण बनाकर देश ही नहीं दुनिया को दिखा चुके हैं।
