लखनऊ : आईजीआरएस की समीक्षा बैठक में सीएम नाराज, 24 जनपदों के अफसरों पर गिरेगी गाज
आईजीआरएस की समीक्षा बैठक में आठ डीएम कार्यालय और 16 जिलों के विभाग में मिली खामियां
अमृत विचार, लखनऊ। आईजीआरएस की शिकायतों का समाधान समय पर न होने से आठ जिलों के डीएम कार्यालय और 16 जनपदों के पुलिस आफिस शासन की रडार पर आ गए है। शिकायतों का निस्तारण नहीं होने पर पूरी हकीकत सीएम योगी तक पहुंच गई।
इसके बाद से 24 जनपदों के जिम्मेदार अधिकारी सीएम की नाराजगी की वजह बन गए हैं। दरअसल, आईजीआरएस पोर्टल के आउटपुट ही अधिकारियों की ग्रेडिंग उनकी कार्यशैली से आंकी जाती है। हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपर मुख्य सचिव नियुक्ति और प्रमुख सचिव गृह को लेटर प्रेषित कर दिया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जनता दर्शन के जरिए आम लोगों से संवाद कर उनकी समस्या सुनते है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने जिलाधिकारी कार्यालयों द्वारा अक्टूबर में फीड की गई जनशिकायतों की समीक्षा की थी। चेतावनी देने के बावजूद आजमगढ़ के अलावा बागपत, सोनभद्र, कासगंज, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत और एटा जनपदों में आवेदकों के मोबाइल नंबर फीड नहीं किए गए या फिर गलत फीड मिले हैं।
उधर पुलिस के हरदोई, रायबरेली, लखनऊ ग्रामीण, कासगंज, बलिया, मैनपुरी, लखनऊ, सहारनपुर, बांदा, कानपुर आउटर, बस्ती, अमेठी, हाथरस, हमीरपुर, मथुरा और संतकबीरनगर के जिले स्तर के कार्यालयों द्वारा अक्टूबर में फीड की गई जनशिकायतों की समीक्षा में लापरवाही सामने आई है। हालांकि, शासन ने इसे काफी गंभीरता से लिया है। इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने 20 बिंदुओं की एक सूची तैयारी की है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के परीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि कई गंभीर मामलों में सरकारी कार्यालय की बहुत चलताऊ टिप्पणी लिखी जा रही है। इनमें सरकार की योजनाओं का लाभ देने के लिए निर्धारित व्यवस्था से आवेदक को अवगत करा दिया गया है। जांच अधिकारी नामित है। जांच चल रही है। संबंधित से आख्या मांगी गई है। आवेदक द्वारा संबंधित कार्यालय में पत्र प्रस्तुत करने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी जैसे वाक्य लिखे रहते हैं।
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