धर्मांतरण: फंडिंग प्रकरण में नैनी एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट के निदेशक से पूछताछ

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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गुरूवार सदर कोतवाली पुलिस की तफ्तीश में कई अहम सुराग हाथ लगने की सामने आई बात

जिले के इस ज्वलंत मुद्दे को लेकर मिशनरी से वास्ता रखने वाली कई गर्दन पर कसा जा रहा फंदा  

अमृत विचार,फतेहपुर। जिले के इवेजिकल चर्च देवीगंज से जुड़े धर्मांतरण के मामले को लेकर पुलिस की जांच पड़ताल 8 महीने से जारी है। पिछले दिनों पुलिस ने विदेशी फंडिंग के मामले को लेकर 32 लोगों के बैंक खातों का डिटेल खंगाला था और इसके आधार पर पुलिस को इस बात के पुख्ता सबूत मिल गए थे कि कहीं ना कहीं लोगों को धन का प्रलोभन देकर जिस तरीके से बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का खेल जिले में खेला गया।

उसमें विदेशी फंडिंग का पूरा मामला सामने आ रहा है जिससे इस मामले को लेकर पुलिस ने प्रयागराज नैनी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के चांसलर समेत चार को नोटिस जारी कर उन्हें बयान दर्ज कराने के लिए आज बुलाया था लेकिन आज प्रयागराज नैनी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के निदेशक प्रशासक विनोद बिलाल विवेचक कोतवाली प्रभारी निरीक्षक अमित मिश्रा के समक्ष अपने अधिवक्ता के साथ पेश हुए।

विवेचक ने उनसे कई सवाल दागे करीब एक घंटे की पूछताछ के दौरान विवेचक को कई पुख्ता सबूत भी हाथ लगे हुए हैं लेकिन बाद में मीडिया से रूबरू के दौरान विनोद बिलाल ने साफ तौर पर कहा कि उनसे इस प्रकरण से किसी तरीके का कोई लेना देना नहीं है। बताते चलें कि इसके अलावा प्रयागराज बाइबल सेरिमनी में रहने वाले बिशप मिस्टर पाल एवं प्रयागराज एग्रीकल्चर इंस्टिट्यूट नैनी के चांसलर जेटी अलीवर एवं आर बी लाल को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था।

धारा 41 के तहत बुलाए गए पूछताछ के लिए इन लोगों के पास पुलिस का मानना है कि इस बात के पुख्ता सबूत है कि जिले में धर्मांतरण को लेकर किस तरीके से फंडिंग की गई है और इसका पैसा किस तरीके से उपयोग में लाया गया है लेकिन गुरुवार को पुलिस के सामने प्रयागराज एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के निदेशक प्रशासक विनोद बिलाल ही केवल पेश हुए अब पुलिस अगली कार्रवाई करने में जुटी हुई है।

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