अयोध्या: दरकिनार हुआ सीएम का फरमान, हाईवे पर खतरे में जान, जानें वजह

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

अमृत विचार, सोहावल, अयोध्या। तीन महीने पहले मुख्यमंत्री की ओर से राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे वाहनों को न खड़ा होने देने के आदेश पर अमल नहीं हो पा रहा है। इस पर न पुलिस लगाम लगा पा रही है न परिवहन विभाग। जिसके चलते राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलना खतरे से खाली नहीं रहता है। 

रौनाही थाना क्षेत्र में लखनऊ- गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग लोगों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है। इस मार्ग पर वाहनों के विश्राम स्थल न बने होने के कारण भारी, छोटे व बड़े वाहनों के चालक सड़क पर ही किनारे गाड़ी खड़ी कर सो जाते हैं। घने कोहरे के कारण पीछे से या विपरीत दिशा से आने वाले वाहनों को नजर नहीं आते और दुर्घटना का कारण बनते हैं।

पश्चिमी क्षेत्र सीमा लोहिया पुल से नगर सीमा सलारपुर पूरा काशीनाथ तक राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों किनारे लोक निर्माण विभाग की भूमि पर निजी चायपान की दुकान चलाने वालों का कब्जा है। इनसे सेवा लेने की बात हो या चालकों के आराम करने की, ट्रक, बस, कार सभी तरह के वाहन सड़क पर ही लाइन लगा कर खड़े हो जाते हैं।

टोल के 500 मीटर के दायरे में सुबह और शाम के वक्त हालत तो इतनी नाजुक होती है कि दो पहिया वाहन तक निकलना खतरे से खाली नहीं होता। इस पर गलत दिशा से कोई वाहन सामने आ गया तो दुर्घटना तय रहती है। सड़क के किनारे तहसील प्रशासन ने कई बार राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे कब्जेदारों को हटाया लेकिन प्रभाव ज्यादा दिन तक नहीं रहा।

नतीजा हर सप्ताह राष्ट्रीय राजमार्ग की दुर्घटनाओं में दो से चार लोगों की जान जा रही है। थाना प्रभारी निरीक्षक एसके सिंह का कहना है कि  हाईवे से अवैध कब्जा हटवाना एनएचएआई का काम है। पुलिस की भूमिका केवल कानून और व्यवस्था की है। उन्होंने बताया कि गश्त के दौरान सड़क के किनारे खड़े वाहनों को हटवाया जाता रहता है।

यह भी पढ़ें:-लखनऊ: मायावती ने भारत जोड़ो यात्रा के निमंत्रण पर दिया धन्यवाद

संबंधित समाचार