पीलीभीत: कैसे सुलझे हत्या और खुदकुशी में फंसी गुत्थी, साल बीता..नहीं आई फॉरेंसिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट
पीलीभीत, अमृत विचार। शहर के बहुचर्चित पवन गोयल हत्याकांड की गुत्थी अभी भी सुलझ नहीं सकी है। साल 2022 बीतने को है, लेकिन अभी तक हत्या और खुदकुशी का रहस्य सुलझाने के लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट की रिपोर्ट ही नहीं मिल सकी। सिर्फ रिमाइंडर ही भेजे जा सके हैं। नतीजतन विवेचना अधर में है।
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शहर के मोहल्ला आसफजान के निवासी भाजपा नेता अरुण गोयल ने नौ मई की रात एक हत्या की रिपोर्ट अज्ञात के खिलाफ कोतवाली में दर्ज कराई थी। जिसके अनुसार उनका भाई पवन गोयल उसी दिन देर शाम कार में सवार होकर तकादा करने के लिए निकला था। उसके कुछ देर बाद ही पवन का शव कचहरी के आगे अपनी ही कार में गोली लगा मिला था। उसका लाइसेंसी असलहा भी कार से ही बरामद हुआ था।
इस मामले मे पुलिस ने हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर चार टीमें लगाकर सुरागरसी कराई। मृतक के परिवार के सदस्यों और जिनसे तकादा करने के लिए निकला था, उनके भी बयान लिए गए थे। फिर छानबीन के बाद मामले को खुदकुशी का इशारा कर पुलिस की विवेचना ठंडी पड़ गई थी। इस मामले में लखनऊ से एक्सपर्ट आए थे और क्राइम सीन रीक्रिएट किया था। मगर, उसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आ सकी है। इसके लिए कई रिमाइंडर तक भेजे जा चुके हैं।
अभी दो माह पहले ही तत्कालीन सीओ ने एफएसएल के वैज्ञानिकों से संपर्क किया था, जिसमें यह पता लगा था कि रिपोर्ट बनकर तैयार भी हो चुकी है। ऐसे में कार्रवाई को गति मिलने की उम्मीद जागी। इसे लेकर एक और रिमाइंडर भेज दिया गया। मगर, उसके बाद दोबारा मामला ठंडे बस्ते चला गया है। कोतवाल नरेश कुमार त्यागी ने बताया कि इस प्रकरण की विवेचना अभी चल रही है। क्राइम सीन रीक्रिएट से जुड़ी एक्सपर्ट की रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है।
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