लखनऊ : सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं की होगी हीमोग्लोबिन जांच

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Published By Vinay Shukla
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हीमोग्लोबिनोपैथी के लिए चलेगा स्क्रीनिंग प्रोग्राम, थैलेसीमिया समेत खून की अन्य गंभीर बीमारियों की होगी पहचान

अमृत विचार, लखनऊ। प्रदेश में थैलेसीमिया समेत दूसरी खून की गंभीर बीमारियों पर काबू पाने के लिए अभियान चलेगा। इसके लिए सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य केन्द्रों में आने वाली गर्भवती महिलाओं में हिमोग्लोबिन (खून) जाँच कराई जायेगी। हर तीन माह में हिमोग्लोबीनोपैथी (थैलेसीमिया आदि) की निःशुल्क स्क्रीनिंग होगी। इसके लिए नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) द्वारा कुल 2250.00 लाख का बजट भी जारी कर दिया गया है।

 दरअसल, राज्य में हर साल कई बच्चे थैलेसीमिया समेत दूसरी खून की बीमारियों के साथ जन्म ले रहे हैं। इस पर काबू पाने के लिए अस्पतालों व चिकित्सा संस्थानों में गर्भवती महिलाओं की स्क्रीनिंग की जायेगी। इसमें सीबीसी व एचबीए-2 जाँच कराई जायेगी। इससे बीमारी शुरूआती चरण में ही पता चल जायेगी।

17 संस्थानों से होगी शुरूआत

 आगरा, कानपुर नगर, लखनऊ, मेरठ, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज व 11 मण्डलीय चिकित्सालयों में एनएचएम ने एचपीएलसी उपकरणों से हिमोग्लोबीन वैरिएन्ट का परीक्षण किया जा सकेगा। इससे बीमारी की प्रारम्भिक व संभावित बीमारी का पता लगाया जा सकता है। संक्रमण की पुष्टि के बाद दम्पत्ति की भी जांच होगी।

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सख्त हिदायत देते हुए कहा कि उप्र. में गर्भवती महिलाओं और शिशुओं की सेहत के लिए कई योजनाएं मुफ्त चलायी जा रही हैं। अस्पतालों में हीमोग्लोबिनोपैथी प्रबन्धन का स्क्रीनिंग प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है। इससे बीमारी पर काबू पाना आसान होगा। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही नहीं होनी चाहिए।

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