सदन में जबरदस्त हंगामे के बाद BJP ने बुलाई प्रेस कांफ्रेंस

Amrit Vichar Network
Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। केन्द्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने शुक्रवार को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की बैठक में हाथापाई की घटना के लिए आम आदमी पार्टी (आप) को जिम्मेदार करार देते हुए उसकी तीखी आलोचना की और पूरे प्रकरण की जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि एमसीडी के महापौर के चुनाव के लिए आयोजित बैठक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पार्षदों के साथ दिल्ली में सत्तारूढ आप के कार्यकर्ताओं ने हमला किया।

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उन्होंने इसे आप कार्यकर्ताओं का शर्मनाक और अमानवीय कृत्य बताया। उन्होंने इसे अराजक तत्वों का कृत्य करार देते हुए कहा कि यह घटना शर्मनाक और अभूतपूर्व है। उन्होंने कहा कि इस घटना को देखने के बाद उन्हें आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के उस बयान की याद आ गयी जिसमें उन्होंने खुद ही अपने को ‘अराजकवादी’ होने का एलान किया था। लेखी नयी दिल्ली से सांसद होने के नाते परिषद की पदेन सदस्य हैं।

उन्होंने सदन में हुई इस घटना की जांच कराने की मांग की और कहा कि इस घटना में शामिल आप कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई होनी चाहिए। दिल्ली नगर निगम के महापौर के चुनाव से पहले निगम पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में आज जबरदस्त हंगामे के बाद भाजपा के मंत्री, सांसदों ने भाजपा कार्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाई, जिसमें लेखी ने यह बात कही है।

इस दौरान, भाजपा सांसद मनोज तिवारी, सांसद प्रवेश सिंह वर्मा, पार्टी के प्रवक्ता आर पी सिंह और प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना और अन्य कार्यकर्ता शामिल हुए। मनोज तिवारी ने कहा कि आप पार्टी के कार्यकर्ता भाजपा पार्षदों पर हमला करने की मंशा से ही सदन में पहले से तैयार हो कर दाखिल हुए थे। तिवारी ने कहा,“ उनके (आप के कार्यकर्ताओं के) पास हथियार जैसे ब्लेड धागा थे और वे नशे में भी थे।

हमारे कई पार्षदों को गहरी चोट पहुंची है। उन्होंने कानून को तोड़ा है। इस मामले को लेकर हम लोग शिकायत दर्ज कराने वाले हैं, जिससे उन पर कानूनी कार्रवाई हो। ” लेखी ने कहा कि एमसीडी की बैठक में निर्वाचित और मनोनीत सभी सदस्यों को व्यवस्थित तरीके से शामिल होने का अधिकार है।

उन्होंने कहा कि यह अच्छा हुआ कि उप-राज्यपाल द्वारा मनोनीत सदस्यों को चेयरपर्सन ने मेयर के चुनाव के लिए बैठक शुरू होने से पहले शपथ दिला दी थी। उन्होंने कहा कि एमसीडी में सदस्यों को मनोनीत करने का अधिकार उप-राज्यपाल को है और उन्होंने अपने कानूनी अधिकार के तहत निर्धारित संख्या में सदस्यों का मनोनयन किया और बैठक के संचालन के लिए चेयरपर्सन की नियुक्त कर दी थी।

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