रामपथ : पहले सीवर लाइन व भूमिगत केबल बिछेगी फिर बनेगी सड़क, कोई ओवरब्रिज नहीं
विद्युत विभाग केबल व जल निगम सीवर लाइन का करायेगा कार्य
बैनामे पूरे होने व तोड़फोड़ का कार्य पूरा होने के 15 माह बाद शुरू होगा रामपथ पर काम
अमृत विचार, अयोध्या। सआदतगंज से नयाघाट तक 13 किमी. लम्बे रामपथ के लिए चौड़ीकरण को लेकर मकान व दुकानों की तोड़फोड़ जारी है। रामपथ पर सभी भवनों को तोड़े जाने के करीब 15 माह बाद ही कार्य शुरू हो पाएगा। जब सब भवन निर्धारित मानक के अनुसार हट जाएंगे तो सबसे पहले सीवर लाइन व भूमिगत विद्युत केबल बिछाई जाएगी। उसके बाद सड़क का निर्माण शुरू होगा।
सीवर लाइन का काम जल निगम तो भूमिगत केबल का कार्य विद्युत विभाग कराएगा। सीवर व विद्युत कार्य की धनराशि पीडब्ल्यूडी विभाग को देगा। इसके अलावा 5 करोड़ रुपये वन विभाग को दिये जा चुके हैं। यह धनराशि पेड़ों का मुआवजा के साथ पेड़ काटने से लेकर पुन: प्लांटेशन और उसकी देखरेख के लिए दी गई है।
रामपथ की चौड़ाई सआदतगंज से लेकर नगर निगम कार्यालय तक 41 मीटर तो रिकाबगंज चौराहे और उसके नयाघाट तक फोरलेन सड़क की चौड़ाई 30 मीटर होगी। माना जा रहा है कि रामपथ की चौड़ाई अभी इतनी ही है, जिसे पीडब्ल्यूडी ने सड़क के लिए लिया है। भविष्य में अयोध्या विकास प्राधिकरण या नगर निगम भी जमीन ले सकता है।
रामपथ पर अब तक हुए 785 भवनों के बैनामे, 870 बैनामे होने हैं
रामपथ चौड़ीकरण के लिए अब तक 785 भवनों के बैनामे हो चुके हैं। कुल 870 भवनों के बैनामे होने हैं। रामपथ पर करीब 60 भवन ऐसे है जो विवादित हैं, जिनके मामले न्यायालयों में हैं। लेकिन इन विवादित भवनों के दोनो पक्षों से अधिकतर ने भवन तोड़ने की लिखित सहमति जिला प्रशासन को दे दी है कि भविष्य में न्यायालय को जो फैसला होगा उसके बाद उन्हें मुआवजे की धनराशि दे दी जाएगी। 5 जनवरी तक 785 बैनामे हुए हैं, जबकि कुल 870 बैनामे होने हैं। 1184 लोगों को भवन के मुआवजे के रूप में 57 करोड़ 93 लाख रुपये और 2074 दुकानों को 33 करोड़ 53 लाख पुर्नवास के लिए दिया जा चुका है। इस तरह अब तक 91.464 करोड़ रुपये मुआवजे के रूप में खातों में भेजा जा चुका है।
विवादित भवनों का मुआवजा रुका पर तोड़फोड़ होगी
एडीएम प्रशासन अमित कुमार का कहना है कि विवादित भवनों के बैनामे हो न हों लेकिन सहमति के आधार पर काम चल रहा है। विवादित मामले बहुत हैं। भवन के मालिकाना हक को लेकर विभिन्न न्यायालयों में मुकदमे चल रहे हैं लेकिन भवन स्वामियों को भवन का मूल्यांकन करके उन्हें कितना मुआवजा मिलेगा, यह बता दिया गया है। कुछ भवनों के बैनामे बचे हैं। जैसे रिकाबगंज में 15 बैनामे बचे हैं। जैसे नियावां रिकाबगंज, साहबगंज, अयोध्या जिसमें न्यायालय में मुकदमे चल रहे हैं। इसलिए पैसे नहीं दे पाएंगे और न ही अभी बैनामा करा पाएंगे।
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