रायबरेली: प्रशासनिक अधिकारियों के साथ स्थानीय लोगों ने शहीदों को किया नमन
अमृत विचार सलोन (रायबरेली)। ब्रिटिश हुकूमत और उनके द्वारा किए गए जुल्म का विरोध कर आजाद भारत का सपना लेकर सीने पर गोली खाने वाले शहीदों का नाम क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों को नहीं मालूम है। शहादत दिवस के अवसर पर कारहिया चौकी के शहीद स्थल पर अधिकारियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की खानापूर्ति करके चलते बने।
20 मार्च 1921 को तहसील मुख्यालय से दस किलोमीटर पूर्वी दिशा में स्थित कारहिया बाजार में निहत्थे किसानों पर ब्रिटिश हुकूमत ने गोलियां दागी थी। इतिहास के जानकारों का कहना है कि अंग्रेजी हुकूमत ने अपने जुल्मों पराकाष्ठा पार कर दी है। जिसके बाद ब्रिटिश हुक्मरानों ओर उनके जमींदारों के जुल्म से डरी हुई आवाम मुखर होने लगी थी।
अंग्रेजो से सीधा लोहा लेने के लिए कारहिया बाजार में माँ भक्तिन के नेतृत्व में एक सभा का आयोजन कराया गया था। इसी बीच निहत्थे किसानों के ऊपर अंग्रेजी हुकूमत ने गोलिया चला दी। जिसमे सैकड़ो किसान शहीद हो गए। गोलीकांड की याद में प्रतिवर्ष शहीद दिवस मनाया जाता है। आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एसडीएम सालिकराम, खण्ड विकास अधिकारी शशि कुमार तिवारी ने शहीद स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए दीप प्रज्वलित किया।
इस मौके पर किसानों का संगठन भी मौजूद रहा। कार्यक्रम के संदर्भ में उपजिलाधिकारी और खण्ड विकास अधिकारी ने बताया कि शहीद दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में शहीदों को नमन किया गया। वही जब कारहिया गोली कांड के शहीदों का नाम पूंछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें शहीदों के नाम नही मालूम है, पूँछकर बताता हूं।
