बरेली: बर्खास्त कर्मचारी हरिओम की अलमारी में बंद हैं महत्वपूर्ण फाइलें
सुरेश पाण्डेय, बरेली, अमृत विचार। नगर निगम में रेंट विभाग की कई महत्वपूर्ण फाइलें नहीं मिल रही हैं। इन पत्रावलियों को संभालने की जिम्मेदारी जिस लिपिक को दी थी, वह अब सेवा से बर्खास्त हो चुका है। नगर निगम के मलाईदार विभागों की अच्छी जानकारी की वजह से अफसर भी उसी को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देते थे। पिछले साल बर्खास्तगी के बाद नगर आयुक्त ने लिपिक की अलमारी खोलकर उसमें रखी पत्रावलियों की सूची बनाने को कमेटी बनाई। कमेटी ने भी दो अलमारी खोलकर अधूरी रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंप दी। रेंट विभाग की चार अलमारियों में अब भी महत्वपूर्ण पत्रावली बंद हैं, लेकिन अफसरों को पता ही नहीं है।
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हत्या के मामले में लिपिक हरिओम को 3 नवम्बर 22 को उम्रकैद हुई है। उसके बाद नगर निगम की सेवा से उसे बर्खास्त कर दिया गया था। नगर निगम के केंद्रीय सभागार में तैनात क्लर्क हरिओम के पास राजस्व का महत्वपूर्ण पटल था। वह कई साल इस पटल पर काबिज रहा। नगर आयुक्त निधि गुप्ता वत्स के आने पर कुछ कर्मचारियों के पटल बदले गये तो इनमें हरिओम भी शामिल था। राजस्व विभाग को दो भागों में विभक्त करते हुए संपत्ति और दुकान अलग-अलग कर दिए गए। यह रेंट विभाग में आता था।
हरिओम पहले छत पर बने कमरे में बैठते थे। वहां संपत्ति और रेंट वाली दुकानों दोनों की पत्रावलियां देखते थे। पटल बदलने पर उनसे रेंट की दुकानों का चार्ज ले लिया लेकिन संपत्ति की पत्रावलियां संभालते रहे। पटल बदला तो वह अपर नगर आयुक्त के पास वाले कमरे में बैठने लगे। यहीं से संपत्ति का काम देखते थे। वह साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट सहित हाइकोर्ट से जुड़े मामले भी देखते थे।
चार अफसरों की कमेटी ने खोलीं अलमारियां
सूत्रों ने बताया कि 9 दिसम्बर को अपर नगर आयुक्त प्रथम ने आदेश जारी कर चार अफसरों की कमेटी बनाई। इसमें अपर नगर आयुक्त तृतीय अध्यक्ष, सहायक नगर आयुक्त, अधिशासी अभियंता और जेडएसओ शामिल थे। कमेटी ने बर्खास्त कर्मी के मौजूदा स्थान पर रखी अलमारी को खोलकर रखी फाइलें निकालीं। उसको रजिस्टर पर दर्ज किया और नगर आयुक्त को रिपोर्ट सौंप दी।
डाकखाने के ऊपर कमरे में बंद हैं चार अलमारियां
निगम परिसर स्थित डाकखाने के ऊपर बर्खास्त कर्मी हरिओम के बैठने की पुरानी जगह पर अब भी कई अलमारियां बंद हैं। इन अलमारियों में कई पत्रावलियां बंद हैं। चर्चा चार से ज्यादा अलमारियों के बंद होने की है। इन अलमारियों में महत्वपूर्ण पत्रावलियों के होने की बात कही जा रही है। कई मामलों की मियाद खत्म हो चुकी है लेकिन पत्रावलियां बंद होने से उनका कोई काम नहीं हो पा रहा है। निगम की रेंट की दुकानों की मियाद खत्म हो गई है, लेकिन पत्रावली बंद हैं।
दो अलमारियां खोलकर रिपोर्ट नगर आयुक्त को सौंप दी है। एक अलमारी खुली थी। एक अलमारी की चाबी उसी कमरे में थी। उन अलमारियों में स्वास्थ्य की ज्यादा पत्रावली निकलीं। सालिड वेस्ट मैनेजमेंट, हाईकोर्ट से संबधित, रेंट और कुछ अन्य पत्रावली भी थीं। सभी का ब्यौरा, फाइलों में पेज नंबर सहित सूची बनाई गई है। कर्मचारी कहां-कहां बैठा। निगम में कहां कहां उसकी अलमारी है। यह तलाशना मुश्किल है।-सर्वेश कुमार गुप्ता, अपर नगर आयुक्त तृतीय
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