बहराइच: कारी कोट मंदिर से घर लौट रहे चित्रकार को हाथियों ने रौंद कर मार डाला

बहराइच: कारी कोट मंदिर से घर लौट रहे चित्रकार को हाथियों ने रौंद कर मार डाला

बहराइच/बिछिया,अमृत विचार। कारीकोट मंदिर से प्रवचन सुनकर दोस्तों के साथ घर लौट रहे चित्रकार ग्रामीण को मंगलवार देर रात जंगली हाथियों के झुंड ने घेर लिया। सूंड से पटक कर अधमरा करने के बाद हाथियों ने पैरों से रौंदकर ग्रामीण को मार डाला। इसके बाद भी हाथी मौके पर 2 घंटे तक उत्पात मचाते रहे।

सूचना पर पहुंचे पुलिस व वन कर्मियों ने किसी तरह मृतक चित्रकार के शव को हाथियों के झुंड से निकाला। आधी रात के बाद हाथी चिंघाड़ते हुए मौके से खिसके। कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र के कतर्नियाघाट रेंज अंतर्गत सुजौली थाना क्षेत्र के बिहारी पुरवा निवासी 60 वर्षीय मैनेजर उर्फ राधेश्याम पुत्र छोटकऊ कुरकुरी कुंआ गांव निवासी अपने मित्र रामजीत वर्मा के यहां रहता था।

मंगलवार शाम को वह कारीकोट माता मंदिर में चल रही शिव कथा को सुनने गया था। रात 10:00 बजे के आसपास कथा समाप्त होने के बाद चित्रकार मैनेजर आस-पड़ोस के लोगों के साथ वापस घर के लिए लौटा।  चित्रकार मैनेजर के साथ चल रहे लोग चमन चौराहा से अपने-अपने घरों की ओर चले गए, वहां से चित्रकार मैनेजर कुरकुरी कुआं गांव के लिए अकेले मुड़ा लेकिन जैसे ही वह चमन चौराहा पुल से 100 मीटर चला उसी समय जंगली हाथियों के झुंड ने उसे घेर लिया।

Image Amrit Vichar
घटना स्थल: रात में जंगली हाथियों ने यहीं किया चित्रकार पर हम

 

चित्रकार मैनेजर ने बचाव के लिए शोर मचाना शुरू किया। उसके साथ कथा स्थल से आए लोग शोर सुनकर दौड़े लेकिन जब लोग मौके पर पहुंचे तो हाथियों के झुंड से चित्रकार मैनेजर को घिरा देखा। ग्रामीणों के मुताबिक हाथी चित्रकार को सूड़ में लपेटकर बार-बार पटक रहे थे।

ग्रामीणों ने टार्च जलाते हुए शोर मचाना शुरू किया लेकिन इसका हाथियों पर कोई असर नहीं हुआ। हाथियों ने चित्रकार को पैरों से रौंद कर मार डाला। फिर हाथी शोर मचा रहे ग्रामीणों की ओर बढ़े तो उन सभी ने भागकर जान बचाई। मौके से भागे ग्रामीणों की सूचना पर वन क्षेत्राधिकारी वीके मिश्रा व थाना प्रभारी सुजौली राजेश कुमार दलबल के साथ पहुंचे।

पुलिस व वन कर्मियों ने कड़ी मशक्कत करके किसी तरह मृतक चित्रकार मैनेजर के शव को हाथियों के बीच से निकाला। हाथी आधी रात तक चिंघाड़ते हुए भगवान और यशपाल के गेहूं तथा लाही के खेतों को तहस-नहस करते रहे। ग्रामीणो के मुताबिक हाथी आधी रात के बाद जंगल की ओर गए। तब पुलिस ग्रामीण के शव को लेकर थाने आई। लाश का पंचनामा करके पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। रात की घटना से आसपास गांवो के लोग काफ़ी दहशत में हैं।

परिवार में अकेला था मृतक
हाथियों के हमले में मृतक मैनेजर उर्फ राधेश्याम ने शादी नहीं की थी, वह चित्रकारी कर के अपना गुजारा करता था। परिवार में उसके भतीजे थे लेकिन वह अपने दोस्त कुरकुरी कुआं गांव निवासी रामजीत वर्मा के यहां रुकता था। 

हाथियों के हमले में ग्रामीण की मौत का है दूसरा मामला 
 जनवरी माह में जंगली हाथियों के हमले में ग्रामीण की मौत का यह दूसरा मामला है। इससे पहले 10 जनवरी को कतर्नियाघाट रेंज के ही बर्दिया गांव निवासी सुरेश को खेत की रखवाली के दौरान हाथियों ने कुचलकर मार डाला था। दो घटनाओं के बाद अब ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। लोग आक्रोशित भी हैं।

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