लखनऊ: मंत्री राकेश सचान ने किया सिल्क एक्सपो का उद्घाटन, रेशम पालकों को किया गया सम्मानित  

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Published By Ankit Yadav
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अमृत विचार, लखनऊ।  रेशम निदेशालय उत्तर प्रदेश हर साल रेशम उद्योग के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार सुलभ कराने, रेशम उद्योग का सर्वांगीण विकास कराने और शुद्ध सिल्क की पहचान कराने के उद्देश्य से सिल्क एक्सपो का आयोजन करता है। वहीं आज पर्यटन भवन में सिल्क एक्सपो 2023 और पं0 दीन दयाल उपाध्याय रेशम उत्पादकता पुरस्कार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री, राकेश सचान ने किया। 

इसके अलावा कार्यक्रम में विशेष सचिव एवं निदेशक रेशम, उ०प्र०, सुनील कुमार वर्मा, वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी, उप निदेशक (रेशम), सहायक निदेशक (रेशम), विभागीय कर्मचारी, कोया उत्पादक, धागाकरण उद्यमी और बुनकर आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम में रेशम उत्पादन से वस्त्र उत्पादन तक की सभी प्रक्रिया, रेशम कीटाण्ड उत्पादन, रेशम कीटपालन, कोया उत्पादन, चागाकरण और वस्त्र निर्माण की गतिविधियों को प्रदर्शित किया गया।

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इसके अलावा सिल्क एक्सपो में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, कर्नाटक, बंगाल, नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्यों के 40 रेशम वस्त्र उत्पादकों, व्यापारियों, बुनकरों ने रेशम उत्पाद के स्टॉल लगाए हैं। इस दौरान रेशम कीटपालकों के बीच प्रतिस्पर्द्धा जगाने के उद्देश्य से शहतूती क्षेत्र के 35, टसर क्षेत्र के 06 एवं अरण्डी क्षेत्र के 06 चयनित सर्वश्रेष्ठ रेशम कोया उत्पादकों और धागाकरण क्षेत्र से 02 और बुनाई क्षेत्र से 01 उद्यमी को 11000 रुपए का पुरस्कार और मोमेन्टो देकर सम्मानित किया गया। 

सर्वोत्कृष्ट कोया उत्पादकों में शहतूती सेक्टर से अजीत सिंह पुत्र, गुरुनाम सिंह, जनपद लखीमपुर और केशवराम पुत्र, बैठूं जनपद बहराइच, टसर सेक्टर से विनोद पुत्र, दुल्ली जनपद झासी, एरी सेक्टर से प्रेमपुजारी पुत्र, भोला नाथ जनपद चित्रकूट एवं धागाकरण क्षेत्र में कल्पीपारा प्रेरणा धागाकरण एवं रेशम उत्पादन समूह, बहराइच तथा औद्योगिक रेशम धागा उत्पादन समूह, जनपद पीलीभीत एवं सर्वश्रेष्ठ बुनकर हरी किशन मौर्या पुत्र, जगरनाथ जनपद वाराणसी रहे।

वहीं इस दौरान पुरस्कृत लाभार्थियों को बधाई देते मंत्री राकेश सचान ने विभाग को यह भी निर्देश दिये कि प्रदेश में रेशम धागे की माँग और वर्तमान उत्पादन के मध्य उत्पन्न गैप को पूर्ण कराये जाने के उद्देश्य से और प्रभावी कदम उठाते हुये उद्देश्यपरक योजनायें संचालित करायी जायें, जिससे कि रेशम उत्पादन के साथ-साथ रेशम उत्पादकों की आय दो गुनी किये जाने के संकल्प को पूर्ण किया जा सके।

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