बरेली: साइकिल ट्रैक पर चलेगा पीडब्ल्यूडी का हथौड़ा

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बरेली, अमृत विचार। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट साइकिल ट्रैक पर लाखों रुपया खर्च किया गया था। पर्यावरण को स्वच्छ रखने और लोगों की सेहतमंद बनाने के लिए इस परियोजना के तहत सैटेलाइट से श्यामगंज चौराहे तक सड़क के किनारे साइकिल ट्रैक का निर्माण बीडीए ने कराया था, पर बजट …

बरेली, अमृत विचार। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट साइकिल ट्रैक पर लाखों रुपया खर्च किया गया था। पर्यावरण को स्वच्छ रखने और लोगों की सेहतमंद बनाने के लिए इस परियोजना के तहत सैटेलाइट से श्यामगंज चौराहे तक सड़क के किनारे साइकिल ट्रैक का निर्माण बीडीए ने कराया था, पर बजट को पानी बहा दिया गया लेकिन लोगों की सेहत नहीं सुधरी अब बारी सर्विस लेन बनने की आई है तो लोक निर्माण विभाग इसे तोड़ने की योजना बना रहा है। इसके साथ ही शहर में 42 लाख के बजट से बने इन साइकिल ट्रैक का नामोनिशान मिट जाएगा।

पूर्ववर्ती सपा सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना पर अवैध कब्जे हो चुके हैं। मोटी रकम खर्च करने के बाद ट्रैक पर साइकिल तो दौड़ाना दूर की बात है, पैदल चलना मुश्किल साबित हो रहा था। शहर में सैटेलाइट बस स्टेशन चौराहा से लेकर श्यामगंज चौराहा तक बनाए गए साइकिल ट्रैक पर जगह- जगह अवैध कब्जे हो गए हैं। इसके चलते ट्रैक को अतिक्रमण से बचाने में जिम्मेदार अफसर नाकाम रहे।

सपा सरकार के समय अधिकारियों ने खुश करने के लिये अपनी मनमानी खूब की है। इसके लिए साइकिल ट्रैक, फुटपाथ और सड़क चौड़ीकरण किए जाने की योजना पर करीब 8 करोड़ खर्च करने का प्लान बनाया गया था। इसमें साइकिल ट्रैक पर ही 42 लाख का बजट खर्च कर दिया गया है। अब सैटेलाइट पुल का निर्माण होने पर सर्विस लेन बनने जा रहा है। इसके कारण सर्विस लेन और सड़क चौड़ीकरण में साइकिल ट्रैक को हटाना लोक निर्माण विभाग की मजबूरी हो गया है। इसके कारण साइकिल ट्रैक को तोड़ा जाएगा।

बाइक दौड़ रही ट्रैक पर, साइकिल सवार बीच सड़क पर
साइकिल ट्रैक बनने के कुछ दिन बाद ही उस पर दुकानें सज गईं। कहीं पर वाहन खड़ा कर गैराज का रूप दे दिया गया। कहीं टायरों के पंचर जोड़ते जा रहे हैं। बड़े- बड़े वाहनों से लेकर क्रेन को खड़ा कर साइकिल ट्रैक को अवैध पार्किंग बना दिया गया। इसका निर्माण किया गया था तो उस समय सोचा गया था कि साइकिल चलाने वालों को ट्रैक का फायदा मिलेगा। साइकिल सवार ट्रैक का निर्माण सेफ रास्ते के तौर पर उपयोग कर सकेंगे। वहीं ज्यादा से ज्यादा लोग साइकिल चलाकर खुद को स्वस्थ्य रखेंगे और शहर को भी ट्रैफिक जाम और वायु प्रदूषण की बढ़ती दिक्कत से निजात मिलेगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। ट्रैक पर स्कूटर व बाइक सवार फर्राटा भरते नजर आते हैं और साइकिल सवार बीच सड़क पर दौड़ते हैं। इसके कारण कई बार हादसों के शिकार भी हो जाते हैं।

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