Joshimath Crisis: खराब मौसम में होटलों का ध्वस्तीकरण और प्री- फेब्रीकेटेड भवनों का निर्माण जारी

Joshimath Crisis: खराब मौसम में होटलों का ध्वस्तीकरण और प्री- फेब्रीकेटेड भवनों का निर्माण जारी

चमोली, अमृत विचार। उत्तराखंड के कई इलाकों मे बारिश होने के कारण मौसम ने ठिठुरन बढ़ा दी है। खासकर जोशीमठ के लोगों की चिंता बरकरार है जिसको लेकर सरकार अपने स्तर से हर प्रयास कर रही है। लेकिन औली व आसपास के इलाकों में हुई बर्फबारी से कारोबारियों के माथे पर चिंता की लकीर साफ दिख रही है।

प्री- फेब्रीकेटेड भवनों को निर्माण जारी

फिलहाल, जोशीमठ में आज मौसम खराब बना हुआ है। वहीं, होटल माउंट व्यू और मलारी इन के ध्वस्तीकरण का काम जारी है। उधर, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति का आंदोलन भी नहीं थम रहा। साथ ही आपदा प्रभावितों के लिए एचडीआरआई के पास उद्यान विभाग की भूमि पर केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रूड़की के सहयोग प्री-फेब्रीकेटेड भवनों को निर्माण शुरू कर दिया गया है।

जरूरत की व्यवस्थाओं पर कार्रवाई शुरू

सचिव आपदा प्रबंधन ने बताया कि यहां वन बीएचके, टू बीएचके व थ्री बीएचके के मॉडल प्रोटोटाइप म है। इसके अलावा ढाक गांव में 10 हेक्टेयर भूमि पर मॉडल प्री-फेब्रीकेटेड घरों के निर्माण के लिए भूमि का चयन होने के बाद भूमि समतलीकरण बिजली, पानी, सीवर आदि की व्यवस्थाओं पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

निजी खर्च पर भवन बनाकर देना चाहती कई कंपनियां

यह एक निजी कंपनी की ओर से 100 वन बीएचके, टू बीएचके व थ्री बीएचके के मॉडल प्रोटोटाइप प्रीफ्रेब्रिकेटेड भवन बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि कई दूसरी कंपनियों ने भी इसमें रूचि दिखाई है, जो अपने निजी खर्च पर ऐसे भवन बनाकर देना चाहती है। इनमें आगे की बातचीत की जा रही है। उन्होंने बताया कि अभी तक 15 भवन सीबीआरआई और 100 भवन एक निजी कंपनी की ओर से बनाए जाने हैं।

स्थानीय लोगों के विश्वास पर किए जा रहे काम 

यह सभी काम स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर ही किए जा रहे हैं। कुछ एक लोगों ने भवनों के ध्वस्तीकरण और दूसरे कामों में बाधा पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या इक्का-दुक्का ही है। उन्होंने कहा कि लोगों को विश्वावस है कि सरकार उनके लिए जो भी करेगी, अच्छा ही करेगी।

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