राज्यपाल, उपराज्यपाल निर्वाचित सरकारों के काम में बाधा डाल रहे हैं: केजरीवाल

राज्यपाल, उपराज्यपाल निर्वाचित सरकारों के काम में बाधा डाल रहे हैं: केजरीवाल

नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को आरोप लगाया कि देश के कई राज्यों को केंद्र द्वारा नियुक्त राज्यपालों और उपराज्यपालों द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है और वे निर्वाचित सरकारों के काम में बाधा डालकर ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या लोकतंत्र पर काला साया मंडरा रहा है। केजरीवाल ने यहां दिल्ली सरकार द्वारा आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में कहा, 74वें गणतंत्र दिवस पर हमें यह सोचने की जरूरत है कि लोकतंत्र को इन लाट साहबों (राज्यपालों/उपराज्यपालों) से कैसे बचाया जाए।

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आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख केजरीवाल ने न्यायपालिका, राज्य सरकारों के साथ ही किसानों और व्यापारियों के साथ केंद्र के कथित संघर्ष का भी उल्लेख किया और इस तरह के विवादों को समाप्त करने का आह्वान किया ताकि भारत दुनिया में नंबर एक देश बन सके। केजरीवाल ने कहा, इन दिनों वे न्यायपालिका से लड़ रहे हैं। न्यायाधीशों से लड़ने की क्या जरूरत है? वे राज्य सरकारों, किसानों और व्यापारियों से भी लड़ रहे हैं। अगर हम साथ मिलकर काम करें और एक-दूसरे से सीखें तो भारत को दुनिया का नंबर वन देश बनने से कोई नहीं रोक सकता। 

तेलंगाना के अपने हाल के दौरे का हवाला देते हुए केजरीवाल ने कहा कि वहां की सरकार ने राज्य में चार करोड़ लोगों की आंखों की जांच निशुल्क करने और इलाज कराने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, हम इसे दिल्ली में भी करेंगे। देश में ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान कुछ राज्यों में न खोज लिया गया हो। समस्याओं का समाधान खोजने के लिए राज्य सरकारों को एक दूसरे से सीखने की जरूरत है। 

मुख्यमंत्री ने केंद्र से खाद्य पदार्थों को वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) से छूट देने का आग्रह करते हुए कहा कि इससे देश के लोगों को बहुत जरूरी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि देश के 99 प्रतिशत व्यापारी करों का भुगतान करना चाहते हैं और उन्होंने संपूर्ण जीएसटी व्यवस्था के सरलीकरण का आह्वान किया। स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करते हुए केजरीवाल ने कहा, आजकल राज्य सरकारों को परेशान किया जा रहा है। इस सब के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने कुर्बानी नहीं दी थी। क्या देश में लोकतंत्र पर कोई काला साया मंडरा रहा है?

उन्होंने कहा कि लोगों द्वारा चुनी गई सरकारें सर्वोच्च हैं और कोई भी उनसे ऊपर नहीं है। ‘आप’ सरकार के शासन में दिल्ली की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने दावा किया कि शहर ने चिकित्सकों, इलेक्ट्रिक वाहनों, प्रति व्यक्ति वन क्षेत्र और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में लंदन, न्यूयॉर्क, वाशिंगटन, सिंगापुर को पीछे छोड़ दिया है।

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