अगर आपका बच्चा भी सोते समय लेता है खर्राटे, इस बीमारी का हो सकता है शिकार, रिसर्च में ये बात आई सामने

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Published By Moazzam Beg
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अक्सर ये देखा गया है कई लोग सोते समय खर्राटे लेते हैं। हालांकि, उनके उठने के बाद जब आप उनसे यह बात कहते हैं तो वो यकीन नहीं करते। वहीं इस बारे में विशेषज्ञ मानते हैं कि लोग खर्राटे तब लेते हैं जब वह बहुत थकने के बाद सोते हैं। लेकिन अगर आपका बच्चा सोते हुए खर्राटे लेने लगे तो फिर आप क्या कहेंगे। विज्ञान इसके पीछे एक बीमारी को वजह बताता है, जिसे ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया कहा जाता है। अगर आपका बच्चा भी सोते वक्त खर्राटे ले रहा है तो आपको उसकी जांच करानी चाहिए, हो सकता है कि वह ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया जैसी बीमारी का शिकार हो। 

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बता दें द रॉयल चिल्ड्रन हॉस्पिटल और मोनाश चिल्ड्रन हॉस्पिटल ने हाल ही में 276 बच्चों पर एक रिसर्च किया। इस रिसर्च में उन्होंने पाया कि कई बच्चे सोते वक्त खर्राटे लेते हैं। इनमें से ज्यादातर खर्राटे लेने वाले बच्चे ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया का शिकार हैं। इन बच्चों की उम्र 3 साल से 12 साल के बीच थी। दरअसल, इस बीमारी की वजह से सांस लेने का रास्ता संकरा हो जाता है और इस वजह से जब बच्चे सोते वक्त सांस लेते हैं तो खर्राटे की आवाज आती है। वहीं इस रिसर्च में यह भी बात सामने आई कि जिन बच्चों का वजन ज्यादा होता है, उन्हें इस बीमारी का ज्यादा खतरा होता है। 

बता दें द रॉयल चिल्ड्रन हॉस्पिटल और मोनाश चिल्ड्रन हॉस्पिटल द्वारा इसके इलाज पर भी एक परीक्षण किया गया। जिसमें 276 बच्चों को खर्राटे की इस बीमारी से दूर करने के लिए एक नेजल स्प्रे दिया गया। इस रिसर्च में जो रिपोर्ट आई उसके अनुसार 40% मामलों में नेजल स्प्रे ने सटीक काम किया और बच्चों के अंदर से यह खर्राटे वाली समस्या दूर हो गई। हालांकि, अगर यह समस्या ज्यादा बढ़ जाए तो फिर इसके लिए ऑपरेशन करना पड़ता है। 

आपको बता दें अगर आपका बच्चा ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया का शिकार है और उसकी यह बीमारी नेजल स्प्रे या दवाइयों से नहीं ठीक हो रही है तो फिर सर्जरी द्वारा बच्चे के टॉन्सिल और एडिनॉइड को हटाया जाता है। इस सर्जरी से बच्चे को उभरने में तकरीबन 1 साल से ज्यादा का समय लगता है। यही कारण है कि ज्यादातर माता-पिता ऑपरेशन से बचते हैं। हालांकि, कई बार जब बच्चे बीमार होते हैं या दिन में बहुत ज्यादा दौड़ भाग कर लेते हैं तब भी रात को सोते वक्त वह खर्राटे ले सकते हैं। इसलिए अगर बच्चों के यह खर्राटे रेगुलर नहीं है तो आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। हालांकि, आप चाहें तो अपनी किसी अच्छे डॉक्टर से इसे लेकर सलाह भी ले सकते हैं। 

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