अजमेर में आला हजरत का सलाम पढ़ने पर बरेलवियों से मारपीट, कई घायल

अजमेर की शाहजहांनी मस्जिद और जन्नती दरवाजे पर किया गया हमला, पुलिस के आने के बाद बंद हुई मारपीट, वायरल हुआ घटना का वीडियो

अजमेर में आला हजरत का सलाम पढ़ने पर बरेलवियों से मारपीट, कई घायल

बरेली, अमृत विचार। ख्वाजा गरीब नवाज और आला हजरत के अकीदतमंदों के बीच खाई कम करने की कोशिशों के बीच अजमेर में बरेलवियों के साथ मारपीट की घटना से टकराव और बढ़ गया है। ख्वाजा के उर्स में शरीक होने गए बरेलवी अकीदतमंद वहां एक मस्जिद में आला हजरत का सलाम पढ़ रहे थे, तभी उन पर हमला कर दिया गया। बुरी तरह मारपीट किए जाने से कई लोग घायल तक हो गए। मारपीट की घटना का वीडियो भी वायरल हुआ है। दरगाह आला हजरत की ओर से इस घटना की कड़ी निंदा की गई है।

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ख्वाजा गरीब नवाज और आला हजरत के अकीदतमंदों के बीच कुछ मसलों पर पहले से ही तनातनी चल रही है। इस बार भी ख्वाजा का उर्स शुरू होने से पहले ही अजमेर में दरगाह कमेटी की ओर से बाकायदा एक लेटर जारी कर बरेलवियों को हिदायत दी गई थी कि वे किसी भी हालत में उर्स के दौरान आला हजरत के नारे न लगाएं न ही उनका सलाम पढ़ें। इस लेटर की प्रति अजमेर पुलिस के अधिकारियों को भी भेजी गई थी ताकि उर्स के दौरान कोई बदअमनी जैसी हालत पैदा न हो।

बरेलवी अकीदतमंदों की ओर से इस पर कड़ी नाराजगी जताने से तनाव और बढ़ा लेकिन इसी बीच आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां ने मामला शांत करने की कोशिश शुरू कर दी। मौलाना तौकीर इस सिलसिले में अजमेर भी गए। इसके बाद बरेलवियों को हिदायत भी दी थी कि हर दरगाह का अपना निजाम होता है, इसमें दखल देने का किसी को हक नहीं है। हालांकि इसके बावजूद तनातनी कम नहीं हुई।

अब शनिवार रात अजमेर में बरेलवियों के साथ मारपीट की घटना ने तनाव और बढ़ा दिया है। बताया जा रहा है कि उर्स में शरीक होने पहुंचे बरेलवियों का समूह अजमेर की एक मस्जिद में आला हजरत का सलाम पढ़ रहा था, इसी दौरान वहां के खादिमों ने उनके साथ बदसलूकी की। इसके बाद अकीदतमंदों के साथ मारपीट शुरू हो गई। इसमें कई लोग घायल हो गए। पुलिस के पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ।

दरगाह आला हजरत के संगठन जमात रजा मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां ने बताया कि सूचना मिली है कि अजमेर शरीफ में गरीब नवाज के उर्स के दौरान शाहजहांनी मस्जिद और जन्नती दरवाज़े के पास आला हजरत का सलाम पढ़ने पर विवाद हुआ था। उन्होंने कहा कि अजमेर जाने वाले सभी आशिके गरीब नवाज है। उनका दर बरेलवियों की अकीदत का मरकज है। आशिके गरीब नवाज और आशिके आला हजरत के साथ मारपीट की घटना की जितनी निंदा की जाए, वह कम है।

यहां खैरमकदम, वहां मारपीट
ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में शिरकत करने के लिए बरेली से गुजर रहे जायरीन का बरेलवियों की ओर से हर साल खैरमकदम किया जाता है। उनकी सहूलियत का भी काफी ख्याल रखा जाता है। इस साल भी दरगाह आला हजरत और बरेलवियों की ओर से यह सिलसिला हमेशा की तरह चल रहा है।

सिटी स्टेशन रोड पर अजमेर के उर्स में जाने वालों के लिए बनाए गए पड़ाव पर कई तरह की सहूलियत मुहैया कराई गई हैं। इसके अलावा दरगाह आला हजरत के नुमाइंदों की ओर से प्रशासन, नगर निगम और रेलवे अधिकारियों से भी जायरीन की सुविधा के लिए जरूरी इंतजाम करने की मांग की जाती रही है। इसके बावजूद अजमेर में बरेलवियों के साथ हुई मारपीट की घटना से कई सवाल खड़े हो गए हैं।

गरीब नवाज से अलग नहीं आला हजरत : अहसन मियां
दरगाह आला हजरत पर भी रविवार को ख्वाजा गरीब नवाज के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। दरगाह के सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन रजा कादरी अहसन मियां ने इस दौरान देश में अमन और भाईचारे की दुआ की। उन्होंने कहा कि आला हजरत को गरीब नवाज से अलग करके नहीं देखा जा सकता, न कोई अलग कर सकता है।

आला हजरत ने गरीब नवाज का खादिम और गुलाम बनकर ही पूरी जिंदगी उनका काम किया है। जो लोग बरेली शरीफ और अजमेर शरीफ को लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं, वह हरगिज कामयाब नहीं होंगे। मुफ्ती सलीम बरेलवी ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज का मिशन सुन्नियत, अकाइदे अहले सुन्नत का प्रसार करना और मजाराते औलिया, नियाज फातिहा और खडे होकर सलातोसलाम पढ़ने से रोकने वालों का विरोध करना था। लोगों के दिलों में इश्के रसूल की शमा रौशन करना भी था।

दरगाह ताजुश्शरिया पर भी कुल शरीफ की रस्म
दरगाह ताजुश्शरिया पर भी मुफ़्ती असजद रजा कादरी असजद मियां की सदारत और जमात रजा मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन खान फरमान मियां की निगरानी में ख्वाजा गरीब नवाज के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। जमात के पीआरओ मोइन खान ने बताया गरीब नवाज के कुल शरीफ की महफिल का आगाज बाद नमाज फज्र कुरानख्वानी से हुआ।

मौलाना तौकीर रजा की ओर से पेश की चादर
ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां की तरफ से अजमेर दरगाह पर चादर पेश की गई। युवा नेता फरहान रजा खां के नेतृत्व मे बरेली से एक प्रतिनिधि मंडल अजमेर शरीफ पहुंचा था। । इसके अलावा दरगाह शाहदाना वली, खानकाह ए नियाजिया और मस्जिदों में भी ख्वाजा गरीब नवाज के कुल शरीफ की रस्म अदा की गई।

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