स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में उतरे पूर्व DGP सुलखान सिंह, Facebook Wall पर लिखी यह बड़ी बात

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। सपा नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य इन दिनों अपने अपने विवादित बयानों के चलते चर्चा में हैं। जिसके चलते वह भाजपा और हिन्दू संगठनों के निशाने पर आ गए हैं। इसी बीच यूपी के पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरितमानस को लेकर दिए गए बयान का समर्थन किया है। सुलखान सिंह ने कहा, स्वामी प्रसाद मौर्य ने मानस का अपमान नहीं किया है। मात्र कुछ अंशों पर आपत्ति जताई है, उन्हें इसका अधिकार है।

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बता दें कि पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने स्वामी प्रसाद का समर्थन करते हुए अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है कि  रामचरितमानस पर किसी जाति और वर्ग का विशेषाधिकार नहीं है। उन्होंने लिखा कि हिंदू समाज के तमाम प्रदूषित और अमानवीय ग्रंथों की निंदा तो करनी होगी। भारतीय ग्रंथों ने समाज को गहराई से प्रभावित किया है।

इन ग्रंथों में जातिवाद, ऊंच-नीच, छुआछूत, जातीय श्रेष्ठता, हीनता आदि को दैवीय होना स्थापित किया गया है। अतः पीड़ित व्यक्ति और समाज अपना विरोध तो करेगा ही। साथ ही उन्होंने लिखा कि हिंदू समाज की एकता के लिए जरूरी है कि लोगों को अपना विरोध प्रकट करने दिया जाए। भारतीय ग्रंथ सबके हैं।

पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह ने लिखा की कुछ अति उत्साहित उच्च जाति के हिंदू हर ऐसे विरोध को गाली-गलौज और निजी हमले करके दबाना चाहते हैं। ये वर्ग चाहता है कि सदियों से शोषित वर्ग, इस शोषण का विरोध न करे, क्योंकि वह इसे धर्म विरोधी बताते हैं। बता दें कि सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर बीजेपी हलवार हो गई है।

वहीं, हिन्दू संगठनों ने भी इस बयान के खिलाफ अपनी आपत्ति जताई है। अयोध्या हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य का सिर तन से जुदा करने वाले को 21 लाख का इनाम देने की भी घोषणा भी की है।

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