Budget 2023: स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए आवंटन में करीब 13 प्रतिशत बढ़ोतरी

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Published By Om Parkash chaubey
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नई दिल्ली। केंद्रीय बजट 2023-24 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 89,155 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जो 2022-23 में आवंटित की गई 79,145 करोड़ रुपये की राशि की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही इसमें 2047 तक ‘सिकल सेल एनीमिया’ नामक बीमारी के उन्मूलन के लिए मिशन की घोषणा भी की गई है। सिकल सेल एक आनुवंशिक बीमारी है।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया और कहा कि 2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘2047 तक ‘सिकल सेल एनीमिया’ को खत्म करने के लिए एक मिशन शुरू किया जाएगा।

यह जागरूकता निर्माण, प्रभावित जनजातीय क्षेत्रों में 0-40 वर्ष आयु वर्ग के सात करोड़ लोगों की सार्वभौमिक जांच, और केंद्रीय मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों के प्रयासों के माध्यम से परामर्श प्रदान करेगा।’’ वित्त मंत्री ने कहा कि सहयोगी अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए सार्वजनिक और निजी मेडिकल कॉलेज के संकाय सदस्यों तथा निजी क्षेत्र की अनुसंधान और विकास टीम को अनुसंधान के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की चुनिंदा प्रयोगशालाओं में सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

आयुष मंत्रालय के लिए बजट आवंटन 28 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2,845.75 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3,647.50 करोड़ रुपये कर दिया गया है। बजट में आवंटित 89,155 करोड़ रुपये में से 86,175 करोड़ रुपये स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग को आवंटित किए गए हैं, जबकि 2,980 करोड़ रुपये स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग को आवंटित किए गए हैं।

नए वित्त वर्ष से, प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) को दो उप-योजनाओं में विभाजित किया गया है। इसमें पहली खुद पीएमएसएसवाई है और दूसरी योजना 22 नए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) स्थापित करने से संबंधित व्यय की है, जिसके लिए 6,835 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

वर्ष 2023-2024 के वास्ते प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के लिए बजट आवंटन 3,365 करोड़ रुपये है। केंद्रीय क्षेत्र की इन योजनाओं में, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए बजट आवंटन 2022-23 के 28,974.29 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2023-24 में 29,085.26 करोड़ रुपये कर दिया गया है, और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के लिए यह 6,412 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7,200 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन-एनएचएम के लिए आवंटन 140 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 341.02 करोड़ रुपये कर दिया गया है। राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए बजट आवंटन 121 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 133.73 करोड़ रुपये कर दिया गया है। स्वायत्त निकायों के लिए बजट आवंटन 2022-23 के 10,348.17 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2023-24 में 17,322.55 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

स्वायत्त निकायों में, नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लिए आवंटन 4,400.24 करोड़ रुपये से घटाकर 4,134.67 करोड़ रुपये कर दिया गया है। आईसीएमआर के लिए आवंटन 2,116.73 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,359.58 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

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