अयोध्या: आधुनिक उपकरणों और 13 वॉचटावरों की निगरानी में हैं रामलला

Amrit Vichar Network
Published By Ankit Yadav
On

दो जोन में बटी है जन्मभूमि परिसर के 70 एकड़ क्षेत्रफल की सुरक्षा 

अमृत विचार, अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि में विराजमान रामलला की सुरक्षा व्यवस्था आधुनिक तकनीक से लैस व फुलप्रूफ है। यहां मानवीय चूक से कोई दुस्साहसिक घटना हुई तो भी वह रामजन्मभूमि की दहलीज तक नहीं पहुंच सकती। यह भरोसा सुरक्षा बल के जवानों को भी है। पांच जुलाई 2005 को हुए फिदायीन हमले के पहले और अंतिम हमले में भी परिसर पूरी तरह से सुरक्षित था और पांच आतंकवादी ढेर भी कर दिए गये थे।

रामजन्मभूमि परिसर से लेकर रामकोट की परिधि में लगे सीसीटीवी कैमरे का कंट्रोल रूम परिसर में ही है, जिस पर 24 घंटे निगरानी रहती है और हर गतिविधि पर नजर भी रखी जाती है। इसके पहले श्रीराम जन्मभूमि के 70 एकड़ परिसर को दो जोन के बांटकर सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध किया गया है। यह व्यवस्था सात जनवरी 1993 से अयोध्या एक्ट के लागू होने के साथ की गयी थी जो वर्तमान में भी यथावत है। 

वहीं पांच जुलाई 2005 को फिदायीन दस्ते के आतंकी हमले के बाद सुरक्षा का घेरा बढ़ा दिया। यहां पहले रामकोट की परिधि में नौ बैरियर थे, उसे बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। विराजमान रामलला का कार्डन आइसोलेशन जोन के अंतर्गत है जिसकी सुरक्षा व्यवस्था पैरामिलिट्री फोर्स जिसमें सीआरपीएफ की पुरुष व महिला बटालियन दोनों शामिल है, के जिम्मे है। इसी तरह से रेड जोन में सीआरपीएफ के साथ पीएसी व सिविल पुलिस तीनों का संयुक्त घेरा है। परिसर में 13 वाचटावरों के अलावा बुलेटप्रूफ वाहन, डीएफएमडी, एक्सरे मशीन, पीए सिस्टम, फायर टेण्डर व एम्बुलेंस की व्यवस्था संयुक्त रूप से हैं।

सुरक्षा व्यवस्था में केंद्रीय गृह मंत्रालय का है सीधा दखल

रामजन्मभूमि की सुरक्षा व्यवस्था में केंद्रीय गृह मंत्रालय का सीधा दखल है जो प्रदेश के गृह मंत्रालय के समन्वय से मॉनिटरिंग करता है। यहां की सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग के लिए प्रदेश स्तर पर हाईपावर स्थाई सुरक्षा समिति है जिसकी हर तीसरे माह समीक्षा बैठक होती है। इसी तरह से जिले स्तर पर भी सुरक्षा समिति है जिसकी बैठक हर माह होती है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में यह समिति सुरक्षा सम्बन्धित सभी प्रस्तावों का क्रियान्वयन भी कराती है।

जानिए, कितने जवानों के हवाले हैं जन्मभूमि 

सिविल पुलिस 

एक एसपी, तीन सीओ व दो निरीक्षक के अतिरिक्त उप निरीक्षक, हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल, महिला उपनिरीक्षक, महिला हेड कांस्टेबल व कांस्टेबल भी है जिनकी संख्या उपलब्धता पर तय होती है।
 
सीआरपीएफ-आठ कंपनी

एक महिला व पांच पुरुष कंपनी के जवान 24 घंटे रामजन्मभूमि की सुरक्षा करते हैं। वहीं एक कंपनी रिजर्व रहती है तो दूसरी प्रशिक्षण में जाती है।

पीएससी-12 कंपनी

तीन कंपनी परिसर में शेष नौ कंपनी यलो जोन की सुरक्षा में तैनात है। यलो जोन में ड्यूटियों के लिए पूरे मंडल से एक-एक माह के लिए फोर्स ली जाती है।

यह भी पढ़ें:- बहराइच: वर्ल्ड वेटलैंड्स डे पर बर्ड एण्ड नेचर फेस्टिवल का आयोजन

संबंधित समाचार